सात साल में पाँच असफलताएं, फिर भी नही माने हार, करते रहे संघर्ष और 6वीं प्रयास बने IAS

भारत में सिविल सर्विसेज की तैयारियों का जुनून सर चढ़ कर बोलता है। इस एग्जाम को क्लियर करने के चक्कर में कितने छात्र फर्श से अर्श तक पहुंच जाते हैं तो कितने इस तपती भट्टी में जलकर भस्म हो जाते हैं। ऐसी ही एक संघर्ष और जुनून से भरी कहानी आईएएस फरमान अहमद खान की है, जिन्होंने यूपीएससी की तैयारियों में पांच बार असफलता के बाद छटवीं बार में बने आईएएस अधिकारी। उनकी कहानी हर किसी को पढ़नी चाहिए।

हरियाणा के गुरुग्राम से आने वाले फरमान अहमद खान मध्यमवर्गीय परिवार से आते हैं। पिता डीएम ऑफिस में ही सरकारी नौकरी करते थे, लिहाजा घर में शुरू से ही सरकारी नौकरी का माहौल मिला हुआ था। छठवीं बार में आईएएस बनने तक का सफर फरमान के लिए आसान नहीं था, 5 बार असफलता के बाद उनकी सारी उम्मीदें खत्म हो गई थी‌। लेकिन ऐसे वक्त में उनके परिवार ने बखूबी साथ दिया और तैयारी को आगे जारी रखने को कहा।

शुरू से ही आईएएस अधिकारी बनने की ख्वाहिश थी। फरमान अपनी ग्रेजुएशन की पढ़ाई पूरी करने के बाद भी सिविल सर्विसेज की तैयारियों में लग गए। दिल्ली के जामिया रेजिडेंशियल कोचिंग में रह कर उन्होंने इसके लिए तैयारी की। शुरुआती तीन बार में साक्षात्कार में असफल रहे। चौथे प्रयास में तो वह प्रारंभिक परीक्षा को भी पास नहीं कर सके। यह वक्त फरमान के लिए काफी मुश्किलों से भरा था, लेकिन उन्होंने कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा। अपनी तैयारियों को जारी रखा।

किस्मत का पहिया बदला। फरमान ने छठवीं बार यूपीएससी की परीक्षा दी। यूपीएससी जारी 2019 के परिणाम में 258 रैंक हासिल करी। 7 सालों के संघर्ष और 5 असफलता से आईएएस बनने तक का सफर फरमान को खास बनाता है।

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