अब बिहार के गांवों में बल्बों से जगमगाने वाले गांवो की निगरानी दिल्ली से होगी। मुख्यमंत्री ग्रामीण सोलर स्ट्रीट लाइट योजना से लगाए गए राज्य के 1.14 लाख वार्डों में लगे सोलर लाइट की निगरानी अब सेंसर से होगी। इसको लेकर कवायद भी शुरू हो चुकी है। पंचायत चुनाव खत्म होते ही इस योजना की शुरूआत होगी। इस योजना में केंद्र और राज्य सरकार दोनों की भागीदारी होगी। केंद सरकार 75 प्रतिशत जबकि शेष 25 प्रतिशत हिस्सेदारी बिहार सरकार की होगी।
सोलर स्ट्रीट लगाने के लिए जिला पंचायती राज के अधिकारी अपने स्तर से गांव के स्थलों का निरीक्षण कर चुकी है। पंचायती राज विभाग बहुत जल्द जल्द डैशबोर्ड विकसित करेगी। इसी के मदद से की जिले, राज्य और दिल्ली से बैठे-बैठे निगरानी करेगी। घर बैठे ही ये पता लगाया जा सकेगा की स्ट्रीट लाइट कितने देर तक जली है।
इस योजना में गांव के मुखिया को 10 एक्स्ट्रा सोलर स्ट्रीट लाइट कुछ नियमों के साथ लगाने का निर्देश है। योजना में खर्च होने वाली राशि का 15वें वित्त आयोग के तरह 75 प्रतिशत केन्द्र सरकार और 25 प्रतिशत बिहार सरकार वहन करेगी। योजना को पूरी तरह धरातल पर प्रभावी तरीके से लागू करने लिए बिहार रिन्युएबल एनर्जी डेवलपमेंट एजेंसी तकनीकी रूप से सहायता करेगी। 11 लाख से अधिक बल्ब बिहार के गालियों को जगमाएगी। बल्ब लगाने वाली एजेंसी को ही पांच वर्षों के लिए रख-रखाव का जिम्मा सौंपा जायेगा। बल्ब कहां लगाए गए हैं इसकी जानकारी ग्लोबल प्रोसेसिंग सिस्टम (जीपीएस) के माध्यम से होगी।