पीवी सिंधु ने टोक्यो ओलिंपिक-2020 में कांस्य पदक जीतकर इतिहास रच दिया है। वह लगातार दो ओलिंपिक में पदक जीतने वाली भारत की पहली महिला खिलाड़ी बन गई हैं।
भारत की स्टार महिला बैडमिंटन खिलाड़ी पीवी सिंधु एकल वर्ग के फाइनल में नहीं पहुंच सकी थीं। उनके लिए यह हार निराशा वाली थी क्योंकि स्वर्ण पदक की प्रबल दावेदार खिलाड़ी के लिस्ट में पीवी सिंधु का नाम सबसे ऊपर था।
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लेकिन चीनी की ताइ त्जू यिंग ने उनके और पूरे देश के सपने पर पानी फेर दिया था। इसके बाद भी हालांकि सिंधु के पास पदक जीतने का मौका था क्योंकि उन्हें कांस्य पदक का मुकाबला खेलना था। इस सदमे से निकलकर उन्हें प्ररेणा की जरूरत थी। उनके पिता ने यह काम बखूबी किया। बेटी ने भी अपने पिता और देश को निराश नहीं किया और कांस्य पदक जीत उन्हें तोहफा दिया है। यही उनके पिता की इच्छा थी।
बता दें कि मौजूदा विश्व चैम्पियन सिंधु रविवार को दो ओलिंपिक पदक जीतने वाली पहली भारतीय महिला खिलाड़ी बन गई। उन्होंने चीन की बिंग जियाओ पर सीधे गेम में जीत दर्ज कर कांस्य पदक जीता।
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सिंधु के पिता रमन्ना ने कहा, ‘‘मैं खुश हूं, इसमें कोई शक नहीं कि हम स्वर्ण पदक की उम्मीद कर रहे थे। मैं बहुत खुश हूं। तुमने अच्छा खेला। बस भूल जाओ और यह एक रिकॉर्ड रहेगा।”