राजधानी पटना से लेकर भागलपुर, मुजफ्फरपुर और बिहारशरीफ सहित देश भर के अन्य स्मार्ट सिटी (Smart City) में यातायात व्यवस्था को सुदृढ़ बनाने के लिए केंद्र सरकार अब आम जनता की राय लेगी। केंद्र सरकार की तरफ से ‘Transport for Oil’ चैलेंज की शुरुआत की गई है।
आपको पता हो कि केंद्र सरकार के शहरी एवं आवास मंत्रालय की ओर से देशभर के 100 स्मार्ट सिटी (Smart City) शहरों मे यह चैलेंज शुरू किया गया है। इस चैलेंज के माध्यम से स्मार्ट ट्रैफिक के लिए कुल तीन चरणों में एक ठोस विकल्प के लिए तैयारी की जायेगी।सभी स्मार्ट सिटी (Smart City) वाले 100 शहरों से बेहतर सुझाव माँगे जाएँगे, जिसमें से केंद्र सरकार 10-10 सुझाव और विकल्प के आधार पर 20 बेहतर सोंच का चुनाव करेगी। चुनाव किए गए आइडिया मे से प्रत्येक आईडिया पर 10 लाख रुपये सरकार की ओर से दिए जाएँगे। यह रुपये केंद्र सरकार के तरफ से दी जायेगी। सभी 20 आइडिया पर सरकार की तरफ से दो करोड़ रुपये खर्च किये जायेंगे।
राजधानी पटना से 2316 लोगों ने अबतक दी राय
साथ ही आपको बता दे कि ट्रांसपोर्ट फॉर ऑल चैलेंज के पहले चरण के अंतर्गत लोगों से सुझाव माँगे गए है। नाम-पता के साथ कुल 15 प्रश्नों के उत्तर आधार पर सर्वे कराए जा रहे हैं। पटना स्मार्ट सिटी (Smart City) के लिए भी आईडिया माँगा गया था। राजधानी पटना से लगभग 2316 लोगों ने अपने आईडिया सरकार को अपने नाम पता के साथ भेजा है। अब पटना स्मार्ट सिटी (Smart City) के लिए आईडिया देने की समय सीमा भी खत्म हो रही है। इसके बाद शहर के चालकों से सुझाव माँगे जाएंगे। आम जनता और चालकों से प्राप्त सुझाव के आधार पर नगर निकाय द्वारा 10 मुख्य समस्याओं पर अवलोकन किया जाएगा। इसके बाद स्टार्टअप एजेंसी के साथ मिल कर 10 आइडिया बनाकर केंद्र सरकार को सौंपी जाएगी। केंद्र द्वारा देश भर के स्मार्ट सिटी (Smart City) शहरों से आये सभी सुझाव में से 20 आईडिया का चुनाव किया जाएगा।
इन आइडिया का पाँच महीने तक शहर में होगा ट्रायल
इधर केंद्र सरकार द्वारा चुने गए आइडिया को सम्बंधित शहरों मे पाँच माह के लिए लागू किया जायेगा। यह एक तरह का ट्रायल होगा जिसमें देखा जाएगा कि इस आइडिया से ट्रैफिक सिस्टम कितना दुरुस्त होता है और कितना नहीं। अगर आईडिया पूर्ण रूप में सफल रहा तो केंद्र सरकार की तरफ से उसे देशभर में लागू किया जाएगा। बता दे कि इस कार्य मे इसमें फरवरी 2023 तक का समय लगने वाला है। इसके लिए केंद्र सरकार उस निकाय के स्टार्टअप पार्टनर को 10 लाख की राशि देने वाली है।