Private school rule in Bihar: बिहार में निजी स्कूल खोलना चाहते हैं तो इन नियमों का करना होगा पालन, जानें क्या है नियम।

Private school rule in bihar: नए शैक्षणिक सत्र से राज्य में आठवीं कक्षा तक के निजी स्कूलों को अनुमति नहीं मिलेगी। सरकार ने राज्य भर में व्यापक रूप से संचालित हो रहे पहली से आठवीं कक्षा तक के निजी स्कूलों पर कड़ाई से अनुमति देना अनिवार्य कर दिया है। यदि अनुमति प्राप्त किए बिना स्कूल चलाए गए तो कठोर कार्रवाई होगी। शिक्षा विभाग से पहले से अनुमति प्राप्त निजी स्कूलों को भी अपने अभिलेखों को डीईओ के माध्यम से शिक्षा विभाग के ई-संबंधन पोर्टल (https://edu-online.bihar.gov.in) पर आवेदन करना होगा। शिक्षा विभाग ने इस संबंध में सभी जिला शिक्षा अधिकारियों को दिशा-निर्देश भेजे हैं।

ई-संबंधन पोर्टल से होगा आवेदन।

शिक्षा विभाग ने एक आदेश जारी करके निजी प्रारंभिक स्कूलों के संचालकों को बताया कि वे सरकार से अनुमति के लिए ई-संबंधन पोर्टल पर आवेदन करेंगे। नई व्यवस्था के तहत पहले से अनुमति प्राप्त स्कूलों का आनलाइन पाठ्यक्रम अपलोड किया जाना चाहिए। इसके बाद, जिला स्तर पर तीन सदस्यीय समिति द्वारा मापदंडों के अनुसार जांच की जाएगी और फिर अनुमति का प्रमाण पत्र निर्गत होगा।

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निजी प्रारंभिक विद्यालयों को अनुमति।

विभाग ने सभी जिलों को बताया है कि अनिवार्य और मुफ्त शिक्षा का अधिकार कानून के तहत सभी निजी प्रारंभिक विद्यालयों को अनुमति देनी चाहिए। यही कारण है कि सभी निजी प्रारंभिक स्कूलों को अनुमति संबंधी क्यूआर कोड का प्रमाण पत्र प्राप्त करना चाहिए। पूर्व से प्राप्त लंबित आवेदनों पर कोई ऑफलाइन कार्रवाई नहीं की जाएगी।

Private school rule के लिए एक एकड़ जमीन आवश्यकता।

प्राइवेट स्कूल अब सिर्फ रजिस्टर्ड सोसायटी को खोलने की अनुमति मिलेगी। स्कूलों के प्रस्ताव केवल तब विचार किए जाएंगे जब निर्धारित अर्हता पूरी हो जाएगी। इसके लिए शहरी क्षेत्रों में कम से कम एक एकड़, अनमुंडल क्षेत्रों में डेढ़ एकड़ और ग्रामीण क्षेत्रों में दो एकड़ जमीन उपलब्ध होनी चाहिए। जमीन इससे कम होने पर मान्यता नहीं मिलेगी। कम जमीन पर एनओसी आवेदन खारिज कर दिया जाएगा।

संगीत और खेल शिक्षक भी होना आवश्यक।

Private school rule के लिए अब स्कूलों को मनोविज्ञान में स्नातक, काउंसिलिंग में डिप्लोमा और प्रयोगशाला सहायक, कार्यालय सहायक और संगीत शिक्षक चाहिए। सरकार चाहती है कि प्रदेश में कम निजी स्कूल खुलें, लेकिन सभी अच्छे हों।

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