भारत देश मे लोग खाने के बहुत अधिक शौकीन होते हैं चाहे तो वह इंडियन क्यूज़ीन हो या कांटिनेंटल फूड। हम भारतीयों को बस मौका चाहिए होता है परिवार या दोस्तों की ग्रुप के साथ बाहर निकलने का। पर कैसा होगा की अगर खाने के पास जाने के बजाय खाना आपके दरवाजे आ आए ? जी हाँ, बिल्कुल सही सुना आपने। दरअसल, अब कई शहरों में फूड ट्रक सर्विस देखने को मिल रहा है! ये फूड ट्रक कई तरह के फास्ट फूड सर्व करते हैं, साइज में ये ट्रक किसी मीडियम बस की तरह ही होते हैं लेकिन इनके अंदर सीट के बजाय रसोईघर होता है जिसमें अगल-अलग तरह के फास्ट फूड बनाए जाते हैं।
तो फिर क्या टेस्टी फूड का मजा लेने के लिए कस्टमर फूड ट्रक के पास पहुँच जाते हैं। ये ट्रक एक ही दिन में कई इलाकों को कवर करते हैं जिससे मोटी कमाई हो जाती है।
जानिए इस दम्पति ने कैसे की शुरुआत
आज हम आपको एक ऐसे दम्पति की स्टोरी बताने जा रहे हैं जिन्होंने बहुत ही कम पैसों में फूड ट्रक की शुरुआत की थी लेकिन आज वो एक नामी ब्रांड के रूप में अपनी पहचान बना चुके है।
2012 में दिल्ली में रहने वाले कपल ज्योति और उनके पति सत्या कोनीकी ने dosa Inc की शुरुआत की थी।
आज लगभग आठ वर्ष बाद ये एक ब्रांड बन चुका है और दिल्ली, नोएडा, गुरुग्राम के रेजिडेंशियल और कमर्शियल इलाकों को अपनी फ़ूड सर्विशेज से कवर करता है। Dosa Inc पर मुख्य तौर पर आपको साउथ इंडियन फूड डोसा, इडली, सांभर, वडा चटनी मिलेगा।
न्यूज मीडिया को कपल ने बताया कि इस सर्विस को लेकर कुछ मुख्य बातों का भी ध्यान रखना पड़ता है जैसे फिटनेस सर्टिफिकेट, रजिस्ट्रेशन, रोड टैक्स रिसीप्ट और इन्शुरेंस! ज्योति और सत्या ने पहले टेंपो ट्रैवलर में फूड बेचने की शुरुआत की थी लेकिन जगह कम होने की वजह से ट्रक स्विच करना पड़ा। जिसमें जरूरत के हिसाब से ही कर्मचारियों की मौजूदगी होती हैं।
फूड ट्रक को चलाने के लिए कुछ बातों का ध्यान रखना जरूरी होता है तो आइए जानते हैं जरूरी स्टेप्स –
जो फूड ट्रक यूज की जा रही है वो ज्यादा पुरानी न हो क्योंकि पुरानी गाड़ियाँ ज्यादा वायु प्रदूषण के लिए जिम्मेदार मानी जातीं है।
- एंप्लॉयर आइडेंटीफिकेशन नंबर
- FSSAI लाइसेंस
- बिजनेस लाइसेंस
- वेहिकल लाइसेंस
- सेलर्स परमिट
- हेल्थ डिपार्टमेंट परमिट
- फायर सर्टिफिकेट
- जीएसटी रजिस्ट्रेशन
नोट – आपको अपने क्षेत्र को चुनने के दौरान भीड़ वाले जगहों पर रिसर्च जरूर करनी चाहिए।