बिना कॉलेज और कोचिंग गए बने IPS अफसर, अब छात्रों को मुफ्त करा रहे हैं तैयारी

भारत के युवाओं में यूपीएससी को लेकर गजब का क्रेज होता है। वर्षों की मेहनत और कई बार मिली असफलताओं के बाद भी अभ्यर्थी इसकी तैयारी में कोई कसर नहीं छोड़ते हैं। कई ऐसे अभ्यर्थी होते हैं जो सरकारी नौकरी ठुकरा कर इस परीक्षा की तैयारी करते हैं। ‌एक ऐसी कहानी चर्चित आईपीएस अफसर संदीप चौधरी की है, इनकी कहानी सिविल सर्विसेज की तैयारी करने वाले छात्रों के लिए प्रेरणा हो सकती है।‌

पढ़ाई में शुरू से ही होनहार छात्र संदीप ने 10वीं के बाद परिवार के दवाब के चलते ना चाहते हुए भी मेडिकल फील्ड में जाना पड़ा। ग्यारहवीं और बारहवीं में फिजिक्स में पास होने के लिए पेपर में संदीप ने ‘प्लीज़ पास कर देना’ लिख दिया था। जब 12वीं की परीक्षा थी तभी 6 दिन पहले ही पिता इस दुनिया को छोड़कर चले गया। ऐसे विपरीत समय में रेगुलर पढ़ाई में दिक्कत आ रही थी। लिहाजा संदीप ने IGNOU में दाखिला ले लिया। घर बैठकर ही ट्यूशन के बच्चे पढ़ाने लगें।

IPS

संदीप की पहली नौकरी पोस्ट ऑफिस में लगी थी। पोस्टल क्लर्क के 4 पदों के लिए 40 लोगों का चयन हुआ था। इसमें भी संदीप ने टॉप करते हुए नौकरी हासिल की। इस दौरान बैंक का भी एग्जाम क्लियर किया। संदीप यहीं नहीं रुके फिर भारतीय सेना से जुड़ गए। संदीप यूपीएससी तैयारी के पीछे बताते हैं, गुवाहटी में पोस्टिंग के दौरान रूममेट ने यूपीएससी एग्जाम क्रेक कर लिया था‌। फिर किया था संदीप भी यूपीएससी की तैयारी में जूट गए। अपने पहले ही प्रयास में सफलता के झंडे गाड़ दिए। यूपीएससी क्लियर किया और आईपीएस अधिकारी बन गए।

आईपीएस संदीप अपने व्यस्त कार्यक्रम से समय निकालकर अपने पहल ‘ऑपरेशन ड्रीम्स’ के तहत, हर दिन ऐसे छात्रों को निःशुल्क कोचिंग देते हैं, जो सिविल सेवा परीक्षाओं की तैयारी करने के लिए कोचिंग का खर्च नहीं उठा सकते हैं।

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