जिंदगी को संघर्षों का पहिया कहा जाता है। कितने लोग
परिस्थितियों में टूट कर बिखर जाते हैं, तो कितने इसे ही अपना हथियार बना निखर जाते हैं। एक ऐसी ही संघर्षों और जुनून से भरी कहानी चेन्नई के एक शख्स आसिफ अहमद की है, जिन्होंने ठोकरें खाने के बाद और प्रतिकूल परिस्थितियों के बीच बिरयानी का ठेला लगाया था। और आज करोड़ों की संपत्ति के मालिक हैं। आइए इनकी कहानी से रूबरू होते हैं।
चेन्नई के पल्लवरम से ताल्लुक रखने वाले आसिफ अहमद मिडल क्लास फैमिली से बिलॉन्ग करते हैं। पिता की नौकरी निलंबित हो जाने के बाद घर की माली हालातों के कारण बचपन से ही आसिफ की जवाबदेही बढ़ गई थी। महज 12 साल की उम्र में ही आसिफ न्यूज़पेपर और किताब बेच कुछ इनकम कर लिया करते थे। घर की जवाबदेही बढ़ते गई। अब परिवार वालों को पैसों की ज्यादा जरूरत थी, जिसके चलते आसिफ ने 14 साल की उम्र में चमड़े के बिजनेस में अपना हाथ आजमाया। शुरू में बिजनस ठीक-ठाक चला, किंतु कुछ समय बाद उनका यह बिजनेस फीका पढ़ने लगा। जिस कारण अच्छा खासा बिजनेस बंद होने के कगार पर पहुंच गया।
चमड़े का बिजनेस बंद हो गया। अब आसिफ ने खाना बनाने का बिजनेस शुरू किया। पार्टी, इवेंट्स में बिरयानी बनाने वाले एक कुशल कारीगर के साथ आसिफ रहने लगे। यह काम टेंपरेरी होने के कारण यहां भी आसिफ को निराशा ही हाथ लगी। नौकरी करने की चाहत में आसिफ ने कई नौकरी दिलाने वाले लोगों को पैसा भी दिया, लेकिन किस्मत इतनी खराब थी। आसिफ का पैसा वहां भी डूब गया, यहां भी आसिफ को निराशा का सामना करना पड़ा। यह वक्त आसिफ के लिए काफी मुश्किलों से भरा था।
किसी तरह आसिफ ने पैसो का बंदोबस्त कर के घर पर ही बिरयानी का ठेला लगाया। बिरयानी की स्वाद इतनी बेहतरीन थी कि लोग इसे खूब पसंद करने लगे। महज 2 से 3 महीने के अंदर ही उनका यह बिजनेस दौड़ पड़ा। 1 दिन में आसिफ 12 से 15 हजार किलो तक बिरयानी बेचने लगे। अब घर की स्थिति पटरी पर आ गई, अच्छी–खासी कमाई भी हो रही थी। कुछ बड़ा करने की चाहत में आसिफ ने अपने ही नाम से ठेले के सामने ही किराए की दुकान में Aasife Biriyani के नाम से अपना दुकान खोला।
आसिफ के बिरयानी के लोग कायल हो गए, दूरदराज से बिरयानी का आनंद लेने लोग यहां आते थे। आसिफ ने बिजनस का विस्तार करते हुए शहर के 8 जगहों में अपना रेस्टोरेंट्स खोला। उनका बिजनेस Aasife Biriyan 40 करोड़ के आंकड़े को पार कर चुका है। आसिफ की कहानी फर्श से अर्श तक पहुंचने जैसी है।