2 दोस्तों ने बंदी के दिनों में शुरू किया यह स्टार्टअप, 1 साल में ही 2.5 करोड़ रु. टर्नओवर, जानें कैसा है यह बिजनेस

जैसा कि कहा जाता है कि आवश्यकता ही आविष्कार की जननी है। देश में लगातार बढ़ते स्टार्टअप इसका असल नमूना पेश कर रहे हैं। वर्षों से चली आ रही परेशानियों का इन स्टार्टअप के पास बेहतरीन हल है। बस इतना ही नहीं, अब ये स्टार्टअप छोटे बिजनेस को अपने साथ लेकर भी चल रहे हैं। ऐसी ही एक परेशानी का हल ढूंढ अपना स्टार्टअप खड़ा किया है इन दो दोस्तों ने।

आपको बता दें कि बेंगलुरु निवासी मुस्कान संचेती और कोलकाता के निवासी राघव झंवर की दोस्ती श्रीराम कॉलेज ऑफ कॉमर्स में पढ़ाई के दौरान दिल्ली में हुई। मुस्कान और राघव ने कई बार सोशल एंटरप्रेन्योरशिप से जुड़े योजनाओं पर कार्य किया। दोनों का इस फील्ड में इच्छा बढ़ा, कई बार वाद-विवाद भी हुआ, लेकिन दोनों ने पढ़ाई के बाद 2-3 साल नौकरी करने के बारे में सोचा। पढ़ाई के तृतीय वर्ष के दौरान दोनों की प्लेसमेंट हो गई और अगस्त की जॉइनिंग डेट मिली।

साथ ही इसी बीच मार्च 2020 में एक म हामारी ने दस्तक दे दी। इसके कारण जॉइनिंग के तारीख को बढ़ा दिया गया। राघव ने दिसंबर में कंपनी जॉइन की, तीन महीने काम किया, लेकिन मन लगा नही। दूसरी तरफ लॉकडाउन के चलते मुस्कान घर से ही अलग-अलग चीजों पर रिसर्च में लगी थीं।

लॉकडाउन के बीच बना प्लान

राघव झंवर कोलकाता के रहने वाले हैं जबकि मुस्कान संचेती बेंगलुरु से ताल्लुक रखती हैं।

जैसा कि हम सभी को पता है कि लॉक डाउन के चलते छोटे-बड़े सभी व्यवसाय पर ताला लग चुका था। बाजार में चीजों का मिलना बहुत मुश्किल होता जा रहा था। मुस्कान के साथ भी ऐसा ही कुछ हुआ। मुस्कान के घर में राजस्थानी पापड़ खत्म हो चुका था। बाजार से लेकर सप्लायर तक कई जगहों पर खोजने के बाद भी उन्हें राजस्थान के असल टेस्ट वाले पापड़ नहीं मिले। मुस्कान और राघव के बीच इस बात को लेकर चर्चा हुई और यहीं से स्टार्टअप का ध्यान आया।

फिर मुस्कान और राघव द्वारा ग्राउंड रिसर्च करने पर पता चला कि ऐसी कई चीजें हैं, जो हर राज्य में लोगों के बीच एक विशेष जगह बनाए हुए हैं, लेकिन एक राज्य से दूसरे राज्य में रहने वाले लोगों तक इनकी पहुँच नहीं है। ऐसी परिस्थिति में या तो लोग अपने रिश्तेदार की मदद से दूसरे राज्य से प्रोडक्ट मँगवाते हैं या फिर खुद ही जाकर स्टॉक से लेते हैं। दूसरी तरफ़ इन लोकल ब्रांड्स को भी बंदी काल में बहुत नुकसान हुआ है।

साथ ही राघव बताते हैं हमने बेंगलुरु में रह रहे कई गुजराती, मराठी, राजस्थानी लोगो से इस बारे में चर्चा की। तो हमें पता चला कि कई लोग अन्य शहरों में रह कर अपने राज्य के रीजनल टेस्ट को मिस कर रहे हैं। इसलिए हमने एक ऐसा प्लेटफॉर्म बनाने के बारे में सोचा, जो हर राज्य के असल प्रोडक्ट को एक जगह सर्व कर सके और यही से शुरुआत हुई ‘द स्टेट प्लेट (The Taste Plate)’ की।

द स्टेट प्लेट (The Taste Plate) 200 प्रोडक्ट से की शुरुआत

अभी फिलहाल दोनों के पास 10 राज्यों के मसाले, मिठाई, स्टेपल फूड, अचार, चटनी जैसे 500 प्रोडक्ट मौजूद हैं। आस-पास की सोर्सिंग के जरिए छोटे से लेकर बड़ें 200+ प्रोडक्ट जमा कर लिए थे। हमें 3 महीने में 1000 से ज्यादा ऑर्डर मिले।

द स्टेट प्लेट (The Taste Plate) के जरिए राघव और मुस्कान की टीम अब तक भारत देेश के 350 शहरों के 17,000 से ज्यादा लोगों को अपनी सर्विस दे चुकी है। अब उनके पास 10 राज्यों के मसाले, मिठाई, स्टेपल फूड, अचार, चटनी जैसे 500 प्रोडक्ट मौजूद हैं। इनमें न सिर्फ बड़े, लोकल ब्रांड्स शामिल हैं बल्कि होम शेफ भी शामिल हैं। इनमें सबसे ज्यादा प्रोडक्ट राजस्थान, कर्नाटक, गुजरात, महाराष्ट्र, ओडिशा और केरल के हैं।

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