ग्रीन एनर्जी की तरफ कदम उठाते हुए पूर्व-मध्य रेलवे ने महत्वपूर्ण फैसला लिया है। हावड़ा-नई दिल्ली रूट पर सौर ऊर्जा वाली ट्रेन चलाने की योजना पर काम कर रही है। इंडियन रेलवे खाली पड़ी जमीनों को उपयोग में लाकर सोलर पैनल लगाएगी। सोलर पैनल से डायरेक्ट बिजली ग्रिड तक जाएगी और ग्रिड से ट्रेनों तक बिजली की सप्लाई होगी। अगर योजना सफल रहती है तो बिजली पर होने वाला करोड़ रुपए खर्च होने से छुटकारा मिलेगा। रेलवे बिजली उत्पादन के लिए रेलवे को किसी दूसरे पर निर्भर नहीं होगा।
इस योजना का सारा काम रेलवे एनर्जी मैनेजमेंट कॉरपोरेशन लिमिटेड को सौंपा गया है। रेलवे को सालाना होने वाले करोड़ रुपए बचेंगे। दैनिक जागरण की रिपोर्ट की मानें तो धनबाद रेल मंडल रेलवे लाइन के निकट सोलर प्लांट लगाकर रोजाना 100 मेगावाट सौर ऊर्जा का उत्पादन होगा। गौरतलब हो कि भारतीय रेल हर साल ट्रेनों के चलाने के लिए मोटी रकम खर्च करती है।
मालूम हो कि भारतीय रेलवे ने साल 2023 तक ब्रॉड गेज रेलवे लाइनों का बिजलीकरण करने की योजना बनाई हुई है। इसी के जरिए कार्बन उत्सर्जन की मात्रा को काफी कम किया जाएगा। इस योजना के तहत भारत भर में रेलवे लाइन किनारे 51000 हेक्टेयर जमीन का उपयोग कर सोलर प्लांट स्थापित किया जाना है। हरियाणा और मध्य प्रदेश में इस योजना की शुरुआत भी हो चुकी है।