सरकारी स्कूलों में अब निजी स्कूलों के टीचर भी बन सकेंगे प्रधानाध्यापक, 45892 पदों पर होगी बहाली

बिहार के सरकारी विद्यालयों में अब निजी स्कूलों के टीचर भी हेडमास्टर बन सकेंगे। वेतन भी पहले से निर्धारित सरकारी नियमावली के अनुरूप ही दिया जाएगा। सूबे में पहली कक्षा से लेकर पांचवीं कक्षा तक के प्राथमिक विद्यालयों में प्रधानाचार्य जबकि उच्चतर माध्यमिक विद्यालयों में प्रधानाध्यापकों की बहाली की जाएगी।

इन बहाली की प्रक्रिया बीपीएससी परीक्षा के माध्यम से की जाएगी। प्राथमिक विद्यालय के लिए 40558 जबकि उच्च माध्यमिक विद्यालय के 5334 वैकेंसी निकाली जाएगी। इन दोनों पदों के चयन के लिए परीक्षा में बहु वैकल्पिक प्रश्न पूछे जाएंगे। यह परीक्षा 100–100 नंबर के होंगे। चयन परीक्षा परिणाम के अनुसार किया जाएगा।

वहीं वेतन की बात करें तो जो पुराने प्रधानाचार्य को मिलता था, वही मापदंडों के अनुसार नए बहाली शिक्षकों को भी वेतन भुगतान की जाएगी। खास बात यह है कि भर्तियों में निजी विद्यालयों के शिक्षकों को कुछ नियम व शर्तें के साथ बहाली की जाएगी। बिहार बोर्ड, आईसीएसई और सीबीएसई बोर्ड में सेवा दे रहे शिक्षक जिनके शैक्षणिक डिग्री है और प्लस टू में पढ़ाने का 10 या 9 साल का अनुभव हो। कक्षा 10 में 12 साल पढ़ाने का अनुभव ऐसे शिक्षकों को प्रधानाध्यापक के लिए योग्य माना जाएगा।

बीते दिन यानी मंगलवार को कैबिनेट ने इस को मंजूरी दे दी है। बता दें कि प्रधान शिक्षक के लिए कि उन्हें नियोजित शिक्षक होना आवश्यक है। कक्षा 6 से 8 तक स्नातक ग्रेड शिक्षक जिनकी सेवा पक्की है, वैसे उम्मीदवार आवेदन कर सकेंगे। नियोजित शिक्षक जिनकी सेवा 8 वर्ष तक पूरी हो चुकी है, जो कक्षा 1 से 5 तक के हो वैसे उम्मीदवार आवेदन कर सकेंगे।

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