पिता सेना में जवान, बिना कोचिंग किए बेटी 28वीं रैंक लाकर बनी IAS अधिकारी

हमारे देश के सबसे कठिन परीक्षाओं में से एक UPSC की परीक्षा है। इस परीक्षा में हर साल लाखों छात्र-छात्राएँ बैठते है परंतु इसमें सफलता कुछ ही चुने कैंडिडेट्स को मिलता है। इस परीक्षा में सफलता पाने वाले कुछ छात्र कोचिंग के द्वारा तैयारी करते है तो कुछ इसके लिए सेल्फ स्टडी को बेस्ट मानते है। सेल्फ स्टडी बेस्ट है इसके लिए सबसे अच्छा उदाहरण है, मोहाली चंडीगढ़ की रहने वाली चंद्रज्योति सिंह( IAS Chandrajyoti Singh)। जिन्होंने बिना किसी कोचिंग के सेल्फ स्टडी कर UPSC जैसे कठिन परीक्षा में 28वीं रैंक हासिल की तथा आज एक काबिल IAS अफसर बन भारत देश की सेवा में लगी है।

बिना किसी कोचिंग का सहारा लिए, UPSC एग्जाम में पाई सफलता

साथ ही हम आपको बता दें कि, चंद्रज्योति ( IAS Chandrajyoti Singh) किसी भी परीक्षा की तैयारी के लिए सेल्फ स्टडी को बेहतर मानती है। चंद्रज्योति ने अपनी UPSC परीक्षा की तैयारी के लिए कोई कोचिंग संस्थान जॉइन नही किया क्योंकि उनके पिता आर्मी में थे और देश के अलग-अलग हिस्सों में उनका (पिता) तबादला होता था, जिसके कारण वो (चंद्रज्योति) कभी कोई कोचिंग संस्थान जॉइन नही कर पाती थी लेकिन उनका सपना एक IAS अधिकारी बनना था इसलिए उन्होंने घर पर ही UPSC की तैयारी पूरे मन लगाकर शुरू कर दी। उनकी मेहनत ने रंग लाया और आज एक IAS अधिकारी बन देश की सेवा कर रही है।

चंद्रज्योति ( IAS Chandrajyoti Singh) ने सेल्फ स्टडी के लिए लिया इंटरनेट, सोशल मीडिया तथा एनसीआरटी किताबों का सहारा

चंद्रज्योति ( IAS Chandrajyoti Singh) बताती है कि, बचपन से उनका एक लक्ष्य आईएएस बनने का था। पिता के बार-बार अलग अलग जगह तबादला होने के वजह से उन्होंने तय किया कि UPSC परीक्षा की तैयारी वो घर पर ही मन लगाकर करेंगी। सेल्फ स्टडी के लिए उन्होंने इंटरनेट, सोशल मीडिया तथा NCRT किताबों का सहारा लिया। इसके अलावे सामान्य अध्ययन के लिए रोजाना 2 घंटे अखबार भी पढ़ती थी और खुद से घर पर जरूरी मुद्दों का नोट्स भी बनाती थी। आगे उन्होंने बताया कि UPSC की तैयारी के शुरुआती दिनों में वो रोजाना 7 से 8 घंटे की पढ़ाई कर लिया करतीं थी लेकिन जैसे-जैसे परीक्षा नजदीक आया उन्होंने अपनी पढ़ाई 10 घंटे करनी शुरू कर दी।

परिणाम यह हुआ कि उन्होंने UPSC के एग्जाम में पहले ही प्रयास में सफलता हासिल की। जिसमे उनको 28वें रैंक मिली थी। महज 22 वर्ष की उम्र में पहली प्रयास में वो एक IAS अधिकारी बनी। इस सफ़लता से परिवार के सभी लोग बहुत खुश हुए तथा उन्होंने अपने बचपन का लक्ष्य भी पूरा किया और आज हम सभी के लिए प्रेरणा की स्रोत बनी है।

आज चंद्रज्योति उन सभी युवाओ के लिए एक किरण बनी है जो पैसे के अभाव में कोई कोचिंग संस्था जॉइन नही करते तथा यह मनाते है कि कोचिंग से ही UPSC की तैयारी की जा सकती है। उनके लिए उन्होंने यह अच्छा संदेश दिया है कि , अगर आपने ठान लिया कि आपको सफलता हासिल करनी है तो इसके लिए आपको मंजिल का रास्ता तय करने से कोई नही रोक सकता तथा UPSC की तैयारी आप खुद से भी मन लगाकर घर पर भी कर सकते है इसके लिए कोई कोचिंग संस्थान की जरूरत नही है बस एक दृढ़ निश्चय चाहिए जो आपको एक सही मुक़ाम तक ले जाने में मददगार हो।

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