राज्य में औषधीय पौधों के प्रति लोगों की उदासीनता को दूर करने वहलोगों में इसकी जागरूकता को लेकर रबिहार सरकार पर्यावरण वन एवं जलवायु परिवर्तन विभाग औषधीय पार्क का निर्माण करेगी। लोगों को औषधीय पौधे के बारे में जानकारी का अभाव है , इसीलिए इन पार्क के जरिए औषधीय पौधों के उपयोग व इससे होने वाले फायदे और इनकी प्रजाति के बारे में बताया जाएगा।
बिहार सरकार राज्य में एक दर्जन से भी ज्यादा जगहों पर औषधीय पार्क का निर्माण करेगी। दो चरणों में इसका निर्माण कराया जाएगा, पहले चरण में राजधानी पटना, मुजफ्फरपुर, रोहतास और जमुई में निर्माण होगा। वहीं दूसरे चरण में भागलपुर, गया, पूर्णिया व नवादा के साथ ही आठ स्थानों पर पार्क बनाए जाएंगे। प्रत्येक औषधि पार्क के निर्माण पर 52 लाख रुपए की लागत आएगी। पहले चरण में कुल 2.80 करोड़ की राशि खर्च होगी। 3 से 4 महीने में पार्क निर्माण कराए जाने का लक्ष्य है।
राज्य की राजधानी पटना के पुनाईचक पार्क में औषधीय वाटिका बनेगी। 800 वर्ग मीटर में पार्क को बनाया जाएगा, राजधानी में 50 से भी ज्यादा पार्क है। ज्यादा जगह के चलते पुनाईचक पार्क का चयन हुआ है। बता दें कि हरेक पार्क में 50 प्रजाति के हजार औषधीय पौधे को लगाया जाएगा, कुछ पौधों को बाहर से भी मंगाया जाएगा। हरजोड़, तुलसी, कालमेघ, सतावर, मूसली, अश्वगंधा, भृंगराज, पत्थरचूर जैसे प्रमुख पौधे औषधीय पार्क की शोभा बढ़ाएगी।
लोगों को पौधे पहचानने में दिक्कत ना हो, इसके लिए हर प्रजाति के पौधे के आगे बोर्ड लगाया जाएगा। इसमें पौधे के प्रजातियों के नाम पौधों के आगे लिखी रहेगी। पार्क में क्योंशक केंद्र आने वाले लोगों को औषधीय पौधे के उपयोग के बारे में विस्तार से बताएगी।