राष्ट्रीय राजमार्ग और एक्सप्रेसवे जैसे बुनियादी ढांचे के विकास के क्रम में भारत कृतिमान स्थापित कर चुका है। विगत वित्तीय वर्ष में भारत ने 11000 किलोमीटर यानी 30 किमी/दिन राजमार्ग निर्माण का रिकॉर्ड बनाया। मौजूदा वित्तीय वर्ष में 2021 के अंत तक भारत पुराने रिकॉर्ड को तोड़कर रोज 40 किमी/दिन राजमार्ग निर्माण के कीर्तिमान स्थापित करने के प्रयास में लगा है।
भारत में बन रहे 10 लेने वाली सड़क तकनीक और गुणवत्ता के मामले में विश्व स्तर के तकनीक और गुणवत्ता को चुनौती दे रही है। बेंगलुरु-मैसूर के बीच बनाई जाने वाली सड़क राजमार्ग और एक्सप्रेसवे के मामलों में वर्ल्ड मैप पर भारत की पहचान बन सकती है।
बेंगलुरु-मैसूर इकोनॉमिक कॉरिडोर का निर्माण कार्य रिकॉर्ड गति से चल रहा है। केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय से मिली जानकारी के अनुसार इस पर कुल लागत 8172 करोड़ रुपये का आएगा। अगले साल अक्टूबर में इसके निर्माण कार्य को पूरा कर सेवा में लाने का लक्ष्य रखा गया है।
इसके बन जाने से बेंगलुरु मैसूर के बीच यात्रा का समय घटकर आधा हो जाएगा। वर्तमान समय में इन दोनों शहरों के बीच यात्रा करने में 3 घंटे का वक्त लगता पर इसके बन जाने से यह समय घटकर 90 मिनट हो जाएगा। इस परियोजना का मद्दुर तालुक में बेंगलुरु से निदाघट्टा तक दो भागों में निर्माण कार्य चल रहा है। इस परियोजना का लगभग 70 फीसदी से अधिक का काम पूरा हो चुका है और बचे हुये काम को अक्टूबर 2022 तक पूरा कर लेने का लक्ष्य है। इस सड़क को निर्माण स्पीड के दृष्टिकोण से देखा जाए तो इतने सारे रिकॉर्ड तोड़ दिए हैं।
इस सड़क परियोजना में नौ प्रमुख पुलों, 44 छोटे पुलों और चार ओवरहेड ब्रिज और अंडरपास का भी निर्माण किया जाना है। इस 10 लेन वाले राजमार्ग में दोनों ओर दो सर्विस रोड भी बनाया जाना था इसका काम पूरा कर यात्रा की अनुमति दे दी गई है। इस राजमार्ग के बन जाने से दोनों शहरों के बीच कनेक्टिविटी और बेहतर होगी और इसका फायदा आसपास के इलाकों को भी होगा।