भारत और नेपाल ने मंगलवार को बलुवाकोट के समीप एक और मोटर पुल निर्माण के हेतु कॉन्ट्रैक्ट पर हस्ताक्षर किए हैं। मोटर पुल निर्माण से दोनों देशों के सीमावर्ती ग्रामीण इलाकों का विकास होने की आसा है। भारत सरकार के अनुदान से निर्माण होने वाले मोटर पुल से दोनों देशों के व्यवसाय और पर्यटन में बढ़ोतरी होगी।
नेपाल के सुदूर पश्चिमांचल के नौ जिलों और कुमाऊं के तीन जिलों के मध्य आवाजाही के हेतु फिलहालअभी तक दो मोटर पुल बनाए गए हैं। दोनों मोटर पुल चंपावत जिले के तराई इलाको में हैं। पिथौरागढ़ तथा चंपावत से लगे पहाड़ी इलाकों में कोई भी मोटर पुल नहीं है। मोटर पुल नहीं होने से नेपाल के बैतड़ी, दार्चुला और डडेलधूरा के जिलों में खाद्य और रसद सामग्री मैदान के ब्रह्मदेव और बनबसा नाकों के जगह से जाती है।
इन नाकों से पहाड़ी जिलों में सामग्री पहुंचने पर लंबा वक्त लगने के सहित भी भाड़ा भी ज्यादा लगता है। नेपाल के बैतड़ी में त्रिपुरा सुंदरी मंदिर, पाताल भुवनेश्वर की गुफा, पाटन हवाई अड्डा, डडेलधूरा में उग्रतारा मंदिर और दार्चुला के उच्च हिमालयी इलाको में अनेक पर्यटक स्थान हैं। मोटर पुल निर्माण से इन पर्यटक स्थानों का डेवलपमेंट होगा। उसके सहित ही बलुवाकोट के दत्तू, लाली, कूड़ी, बैतड़ी के गोठलापानी, साहिलेक, देहमांडू में भारतीय सामग्री कम लागत में पहुंचेगा। मंगलवार को नेपाल की राजधानी काठमांड़ो में हिंदुस्तान के राजदूत विनय मोहन क्वात्रा तथा नेपाल की भौतिक अवसंरचना व परिवहन मंत्री रेणू कुमारी यादव के मध्य काली नदी में बलुवाकोट के पास नगरपालिका आठ के अखेड़ा शहर के समीप थरचुम में मोटर पुल निर्माण पर हस्ताक्षर हुए।
नेपाल के परिवहन सचिव रवींद्रनाथ श्रेष्ठ द्वारा बताया गया कि पुल भारत सरकार के अनुदान से बनाई जाएगी। भारतीय दूतावास द्वारा बताया गया कि परियोजना से नेपाल के सुदूर पश्चिमी जिलों तथा हिंदुस्तान के उत्तराखंड राज्य के मध्य सीमा पर मजबूत संबंध बनेंगे। पुल निर्माण होने से सीमावर्ती लोगों के मध्य और ज्यादा मजबूत रिश्ते बनेंगे। दूतावास द्वारा बताया गया कि पुल का सर्वे आरंभ हो चुका है। जल्द ही पुल बनाने का कार्य भी आरंभ हो जाएगा। छारचुम तथा दार्चुला के धापा में भी मोटर पुल बनाने पर पहले भी हो चुकी है सहमति।
इससे पहले भी धारचूला के छारचुम तथा दार्चुला के धाप में मोटर पुल निर्माण के लिए दोनों देशों की सरकारों के मध्य अनुबंध बन चुकी है। पुल का इस वक्त दूसरी बार निरीक्षण हो रहा है। मोटर पुल के हेतु एक निरीक्षण बहुत पहले झूलाघाट में भी किया जा चुका है परंतु पंचेश्वर बांध की ऊंचाई निर्धारित न होने से कार्य आगे नहीं बढ़ पाया। बैतड़ी के लोकेश साउद द्वारा बताया गया कि नेपाल भारत के मध्य काली नदी पर निर्माण होने वाले मोटर पुलों से दोनों देशों के पर्यटन कारोबार में तेजी आएगी।