नवरात्र पर्व समाप्ति के बाद इसी माह अक्टूबर में दिवाली और महापर्व छठ पड़ रहा है। 28 अक्टूबर को नहाय-खाय के साथ छठ पर्व की शुरुआत हो रही है। 29 अक्टूबर को खरना फिर 30 को पहला तथा 31 अक्टूबर को दूसरा अर्घ्य है। धनबाद से भारी तादाद में लोग छठ करने के लिए बिहार जाते हैं। जिन लोगों ने ट्रेन में अपना टिकट बुक नहीं कराया है, उनके लिए घर लौटना काफी चुनौतीपूर्ण होगा। 25 से 27 अक्टूबर के बीच गंगा-दामोदर, मौर्य, वनांचल शाहिद बिहार जाने वाली ट्रेनों की सभी वर्गों में सीटें हाउसफुल हो चुकी हैं।
रेलवे ने सीतामढ़ी के लिए 22 अक्टूबर से 13 नवंबर के बीच चलने वाली ट्रेन को छोड़कर किसी भी स्पेशल ट्रेन परिचालन का ऐलान नहीं किया है। ऐसे में रिजर्वेशन नहीं कराने वाले यात्रियों के लिए तत्काल या सड़क मार्ग विकल्प होगा।
राजधानी पटना और गंगा पार हाजीपुर, सिवान और छपरा के लिए अमूमन लोग गया या नवादा होकर जाते हैं। पर इन दोनों रूटों पर जगह-जगह सड़क निर्माण जारी है। ट्रैफिक अधिक है और जाम की संभावना है। समय अधिक लगेगा और ईंधन का खर्च बढ़ेगा। ऐसे में पटना के लिए गिरिडीह, जमुई, शेखपुरा के रास्ते जाना सुलभ होगा। सड़क अच्छी है और गिरिडीह बाजार के अलावा ट्रैफिक कहीं भी अधिक नहीं होगा। वहीं, आरा की ओर जाने के लिए जीटी रोड से औरंगाबाद एवं वहां से सहार होते हुए जाने में सहुलियत होगी।
बता दें कि नवादा होकर टोटल 325 किलोमीटर दूरी तय करनी होती है, जिसमें तकरीबन 8 घंटे का वक्त और 25 लीटर डीजल खर्च होता है। गया होते हुए 350 किमी के सफर में साढ़े सात घंटे का वक्त और लगभग 30 लीटर डीजल खपत होता है। वहीं जमुई होते हुए 355 किमी की दूरी में साढ़े सात घंटे और 27 लीटर डीजल खपत होता है।