बिहार को एक और तोहफा मिलने जा रहा है। बिहार सरकार सड़क निर्माण को लेकर राज्य में चौतरफा काम कर रही है। भारतमाला परियोजना के दूसरे चरण में राज्य के डेढ़ दर्जन जिलों को बेहतर कनेक्टिविटी मिलेगी। बता दें कि भारतमाला के दूसरे चरण में राज्य के आठ एनएच को शामिल किया जाना है। पटना, बक्सर, अरवल, जहानाबाद, नालंदा, सारण, समस्तीपुर, मोतिहारी, मुजफ्फरपुर, भागलपुर, पश्चिमी चंपारण, पूर्वी चंपारण, सीतामढ़ी, मधुबनी, सुपौल, अररिया और किशनगंज जिलों को बेहतर कनेक्टिविटी मिलेगी।
दूसरे राज्यों के साथ भी बिहार की शानदार कनेक्टिविटी होगी। खबरों की माने तो राज्य परिवहन निगम ने सेंट्रल गवर्नमेंट को जिन आठ नेशनल हाईवे को दूसरे चरण में शामिल होने का प्रस्ताव रखा है। उनमें पड़ोसी देश नेपाल के साथ सड़क को फोरलेन बनाना, पटना-कोलकाता एक्सप्रेस का चौड़ीकरण, बक्सर-अरवल-जहानाबाद-बिहारशरीफ हाइवे को फोरलेन बनाना, दलसिंहसराय-सिमरी बख्तियारपुर को फोरलेन बनाना, दिघवारा-मशरख-पिपराकोठी-मोतिहारी-रक्सौल फोरलेन बनाना, सुल्तानगंज-देवघर को ग्रीनफील्ड हाइवे और मशरख-मुजफ्फरपुर हाइवे शामिल है।
खबरों की मानें तो भारत नेपाल बॉर्डर पर बनने वाली सड़क तकरीबन 552 किलोमीटर दो लेन में बनाई जाएगी। वहीं बक्सर-अरवल-जहानाबाद-बिहारशरीफ हाइवे 165 किमी की लंबाई में फोरलेन बनाने का प्रस्ताव रखा गया है,पूर्वांचल एक्सप्रेस वे के साथ इस को जोड़ने की रणनीति है जिससे दक्षिण बिहार की कनेक्टिविटी और अच्छी हो सकेगी। पूर्णिया और कोशी क्षेत्र को अच्छी कनेक्टिविटी मिले इसके लिए दलसिंहसराय सिमरी बख्तियारपुर फोरलेन बनाने का प्रस्ताव रखा गया है, इसके बनने से पूर्णिया और पटना की दूरी भी घट जाएगी।
रक्सौल इंटरनेशनल चेक पोस्ट की बेहतरीन कनेक्टिविटी के लिए दिघवारा-मशरख-पिपराकोठी-मोतिहारी-रक्सौल फोरलेन बनाने का प्रस्ताव रखा गया है। नेपाल सीमा तक आसानी से पहुंचने के लिए राज्य सरकार ने सुल्तानगंज देवघर को ग्रीनफील्ड फोरलेन हाईवे बनाने का प्रस्ताव रखा है।