बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने आदेश दिया है कि जनता दरबार को फिर से शुरू किया जाए। जिसमें जनता अपनी परेशानियों को सामने रखे जिसके बाद उसका समाधान किया जाए। जनता दरबार अप्रैल 2006 में शुरू किया गया था जिसे लोक शिकायत निवारण कानून आने के बाद मई 2016 में बंद कर दिया गया। जनता दरबार में प्रत्येक सोमवार को मुख्यमंत्री लोगों की समस्या सुनते थे प्रत्येक महीने मे तीन सोमवार को जनता दरबार लगाया जाता था।
बीते दिनों जब मुख्यमंत्री सचिवालय में बन रहे जनता दरबार का मुआयना करने गए थे जिसके बाद से ही कहा जाने लगा कि जनता दरबार फिर से शुरू किया जा सकता है मंगलवार के दिन राज्य के उच्च अधिकारियों के साथ बैठक में आयोजन का प्रस्ताव रखा गया इस बैठक में मुख्य सचिव, प्रधान सचिव, डीजीपी, गृह विभाग के मुख्य सचिव, मुख्यमंत्री सचिवालय के प्रधान सचिव एवं अन्य अधिकारी शामिल हुए। इसके अलावा जिला बैठक में जिलाधिकारी, प्रखंड आयुक्त, डीआईजी और एसपी भी शामिल हुए।
इसी जुलाई महीने के 12 तारीख से जनता दरबार कि शुरुआत की जाएगी। इस बार जनता दरबार में लोग अपनी समस्या मुख्यमंत्री के सामने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से रख पाएंगे। फिर से शुरू होने वाला जनता दरबार का स्थान मुख्यमंत्री सचिवालय 4 केजी परिसर होगा। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने यह कहा कि जनता दरबार का तरीका पहले की तरह ही रहेगा, लेकिन जो भी जनता दरबार में शामिल होना चाहेंगे उनकी व्यवस्था जिला स्तर पर कराई जाएगी। प्रक्रिया की पूरी जानकारी समय रहते जनता तक पहुंचा दी जाएगी।
जनता दरबार को विभागों के आधार पर इस प्रकार बांटा गया है सप्ताह कि पहले सोमवार को खान एवं भूतत्व विभाग, भूमि सुधार विभाग, राजस्व विभाग, निगरानी एवं सामान्य प्रशासनिक संबंधित समस्याओं की सुनवाई होगी। दूसरे सोमवार को विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग, वित्त विभाग, श्रम संसाधन विभाग, कला संस्कृति एवं युवा विभाग, शिक्षा विभाग, समाज कल्याण विभाग, एवं स्वास्थ्य विभाग से संबंधित मामलों पर सुनवाई होगी। वहीं तीसरे सोमवार की बात करें तो आपदा प्रबंधन, परिवहन, खाद उपभोक्ता विभाग, भवन निर्माण, पर्यटन एवं जनसंपर्क से जुड़े मामलों की सुनवाई की जाएगी। अब देखने वाली बात होगी इस बार जनता दरबार जन समस्याओं के निपटारे को लेकर कितना प्रभावित साबित होता है