दशकों से हर साल बाढ़ की मार झेल रहे बिहार को जल्द ही इससे छुटकारा मिल सकता है। सूबे के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार राज्य के बाढ़ ग्रस्त इलाकों को बाढ़ से निजात देने के लिए पहल की शुरुआत कर रहे हैं। नदियों को जोड़ा जाएगा, जिसके लिए अभी से ही कवायद शुरू हो चुकी है।
बाढ़ से प्रभावित इलाकों को पायलट प्रोजेक्ट के तहत राज्य की चार नदियों को जोड़ा जा रहा है। प्रोजेक्ट के सफल होने पर राज्यों के अन्य नदियों को भी जोड़ने का काम बहुत जल्द शुरू किया जाएगा। बता दें कि हर साल पड़ोसी देश नेपाल से आने वाली पानी बिहार में बाढ़ का कारण बनती है। जिस को संज्ञान में लेते हुए बिहार सरकार ने यह पहल की है।
आगामी 45 दिनों के भीतर ही नदियों को जोड़ने का काम पूरा हो जाएगा। जिसकी जानकारी बिहार सरकार में जल संसाधन मंत्री संजय झा ने दी है। राज्य के उत्तर इलाके में बागमती नदी, बूढ़ी गंडक और पातेपुर के नून नदी को जोड़ने का काम तेजी से चल रहा है, जबकि दक्षिण बिहार में सकरी नदी के लिए रिपोर्ट तैयार की जा रही है।
बाढ़ से हर साल बिहार के कई इलाके प्रभावित होते हैं, जिससे लोगों के गुजर बसर और सिंचाई में भी काफी समस्या होती है। नदियों को जोड़े जाने से सिंचाई के लिए पानी का उपयोग होगा, वही बाढ़ की स्थिति को भी कम किया जाएगा। इससे पहले भी बिहार की सरकार ने नेपाल सरकार से डैम को लेकर बात की थी। लेकिन नेपाल सरकार की ओर से उदासीन रवैया का सामना करना पड़ा। जिसके बाद बिहार सरकार ने यह फैसला लिया है, राज्य की नदियों को जोड़ा जाएगा।