जमुई की सूरत बदलने की कवायद शुरू हो चुकी है। सब कुछ ठीक-ठाक रहा तो अगले साल जमुई पर्यटन स्थल का नया हब बनकर उभरेगा। जिले के आधा दर्जन जगहों को टूरिज्म के लिए चिन्हित कर लिया गया है। जिले के विभिन्न प्रखंडों के छह स्थानों को पर्यटन एवं जलवायु परिवर्तन विभाग ने चयनित कर बिहार सरकार को प्रस्ताव भेज दिया है।
चयनित स्थानों को इको फ्रेंडली व टूरिज्म के लिए विकसित करने की योजना पर काम हो रही है। कई तरह की आधुनिक सुख-सुविधाओं सुविधाओं से लैस भी किया जाएगा। स्वीकृति मिलते ही विभाग निर्माण कार्य शुरू कर देगी। पर्यटकों को आकर्षित करने के मकसद से इसे बनाने की योजना है। पर्यावरण संरक्षण के मध्य नजर रखते हुए आधुनिक तकनीक से पर्यटन को बढ़ावा देने के मकसद से कई प्रकार के निर्माण किए जाएंगे।
जमुई जिले के झाझा प्रखंड स्थित नकटी पक्षी आश्रयणी, खैरा प्रखंड के कुंडग्राम जन्मस्थान और पंचभूर झरना, बरहट प्रखंड के पत्नेश्वर मंदिर के समीप स्थित कटौना पहाड़ी, चकाई प्रखंड स्थित नरोदह झरना और झाझा प्रखंड के सिमुलतला स्थित हल्दिया झरना को वन पर्यावरण एवं जलवायु परिवर्तन विभाग ने इको टूरिज्म के तहत विकसित करने के लिए चिन्हित कर राज्य सरकार को प्रस्ताव भेज दिया है।
बिहार खबर को मिली जानकारी के मुताबिक कुंडग्राम जन्मस्थान के समीप डेढ़ किलोमीटर लंबा हैंगिंग ब्रिज (लटकता पुल) का निर्माण किया जाएगा जो पर्यटकों को अपनी ओर आकर्षित करेगा। साथ ही नकटी पक्षी आश्रयणी के समीप चार स्टे होम, वाच टावर और बांस का सीटिंग स्पाट बनाया जाएगा। पर्यटन विभाग के आदेशानुसार कई प्रकार की सुविधाएं विकसित की जाएगी। पर्यटकों की सुरक्षा का खासा ध्यान रखा जाएगा इसके लिए डेवलपमेंट कमेटी की गठन की जाएगी।