बिहार में आसान शर्तों पर भारतीय लघु उद्योग विकास बैैंक (सिडबी) अब सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्योग (एमसएमई) को ऋण उपलब्ध कराएगा। औद्योगिक क्षेत्र विकास प्राधिकरण द्वारा उद्यमियों को उपलब्ध कराई गई भूमि को सिडबी कोलेटरल के रूप में मान्यता देगा। इस संबंध में राज्य के उद्योग मंत्री सैयद शाहनवाज हुसैन की उपस्थिति में बुधवार को उद्योग विभाग में सिडबी के बीच एक समझौता हुआ है। उद्योग मंत्री ने कहा कि वैसे छोटे उद्यमी जो मार्जिन मनी से परेशान होकर नया व्यापार शुरू करने में दिलचस्पी नहीं दिखाते हैं, उन्हें सिडबी के साथ हुए एमओयू से फायदा होगा।
सिडबी के साथ हुआ समझौता बिहार में सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्योगों के लिए कारगर सिद्ध होगा। इससे बिहार के औद्योगिक विकास को रफ्तार मिलेगी। बता दें कि उद्योगों के लिए पर्याप्त मात्रा में भूमि उपलब्ध है। जिन उद्यमियों को बियाडा भूमि उपलब्ध कराएगा उसकी लिस्ट वह सिडबी को देगा। उसी जमीन को सिडबी कोलेटरल के रूप में स्वीकार कर एमएसएमई को बैंकों से सस्ते दर आसान तरीकों से ऋण उपलब्ध कराएगा।
इस मौके पर उद्योग विभाग के अपर मुख्य सचिव ब्रजेश मेहरोत्रा ने कहा कि एमएसएमई के संवर्धन, वित्त पोषण और विकास में सिडबी की अहम भूमिका है।। बिहार देश का 14 वां राज्य बन गया है, जिसको सिडबी के साथ समझौता हुआ है। सिडबी के महाप्रबंधक मनीष सिन्हा ने मौके पर जानकारी दीजिए हम राज्य में एमएसएमई को मजबूत करने की दिशा में कार्यरत हैं। बिहार के उद्योग विभाग के साथ सिडबी एक विशेषज्ञ एजेंसी भी रखेगा। मौके पर उद्योग विभाग के निदेशक पंकज दीक्षित ने बताया कि यह करार बिहार में एमएसएमई इकोसिस्टम के विकास में फायदेमंद साबित होगा।