राज्य में ड्राइविंग टेस्टिंग ट्रैक निर्माण के लिए सरकार ने भागलपुर, सीतामढ़ी, मधुबनी समेत 17 जिलों में भूमि का चुनाव कर लिया गया है। प्रशासन ने इसके लिए हरी झंडी भी दे दी है। निर्माण के लिए कई जिलों में एजेंसी को चुन कर टेंडर की प्रक्रिया भी तेज हो गई है। परिवहन सचिव संजय कुमार अग्रवाल ने बताया कि विभाग के वरिष्ठ पदाधिकारियों के साथ मिलकर ड्राइविंग टेस्टिंग टेक योजना के लिए समीक्षा बैठक की गई है।
समीक्षा में इस बात पर जोर दिया गया कि ड्राइविंग ट्रैकिंग टेस्ट निर्माण में तेजी से काम किया जाए और इसके निर्माण से जुड़ी रोजाना रिपोर्ट जिला में भेजें। बता दें कि सड़क दुर्घटनाओं में कमी आए इस मकसद से ड्राइविंग लाइसेंस लेने वाले व्यक्ति को पूरी तरह ड्राइविंग टेस्टिंग ट्रैक पर दक्षता जांच कर ही ड्राइविंग लाइसेंस जारी किया जाएगा। गौरतलब है कि पटना एवं औरंगाबाद में ऑटोमेटेड ड्राइविंग टेस्टिंग ट्रैक पर चालकों की जांच पहले से ही शुरू है।
बिहार के भागलपुर, सीतामढ़ी, मधुबनी, मोतीहारी, किशनगंज, पूर्णिया, नालंदा, कटिहार, कैमूर, छपड़ा, बांका, बेतिया, आरा दरभंगा, जहानाबाद, नवादा, मधेपुरा में ड्राइविंग टेस्टिंग ट्रैक निर्माण के लिए जगह का चुनाव कर लिया गया है। 50 से 75 लाख रुपए तक प्रशासन ट्रैकिंग निर्माण के लिए उपलब्ध कराएगी। राज्य के बाकि जिलों में भी जल्द ही ड्राइविंग ट्रैकिंग टेस्ट बनाए जाने की तैयारी तेज है।