कहानी एक ऐसे शख्स की है, जिन्होंने अपने बेटी को पढ़ाने के लिए सब कुछ दाव पर लगा दिया। यहां तक कि अपनी जमीन भी बेच दी। बेटी ने प्रतिभा के बलबूते सफलता का परचम लहराते हुए सबसे कम उम्र में पायलट बनने का कीर्तिमान अपने नाम स्थापित किया।
गुजरात के सूरत से आने वाली मैत्री को शुरु से ही पायलट बनने की ख्वाहिश थी, लिहाजा 12वीं की पढ़ाई के बाद पायलट बनने के लिए अमेरिका चली गई। अमेरिका जाने के लिए आर्थिक स्थिति सही नहीं थी, लोन ना मिलने के बाद पिता ने जमीन बेचकर मैत्री को 11 महीने के प्रशिक्षण के लिए अमेरिका भेजा। वहां मैथिली ने कमर्शियल फ्लाइट उड़ाने का लाइसेंस प्राप्त की।
कमर्शियल फ्लाइट उड़ाने के लिए आमतौर पर 18 महीने की ट्रेनिंग करनी होती है। कई ऐसे लोग भी होते हैं, जो 18 महीने मैं भी अपनी ट्रेनिंग पूरी नहीं कर पाते हैं। ऐसे में मैत्री पटेल ने 7 महीने पहले ही यानी 11 महीने में ही कमर्शियल फ्लाइट का ट्रेनिंग पूरा कर पायलट बन गई। लाइसेंस लेने के बाद मैत्री अपने स्वदेश लौट आईं।
मैत्री पटेल ने अमरीका में कमर्शियल फ्लाइट उड़ाने की लाइसेंस ले ली है, अब देश में भारत सरकार के नियमानुसार ट्रेनिंग के लिए लाइसेंस लेना पड़ेगा। लाइसेंस मिलते ही मैत्री अपने देश में भी वाणिज्यिक विमानों को उड़ा सकेगी। 19 साल की उम्र में पायलट बनने वाली मैत्री देश की पहली महिला बन गई है, इस पर पूरा परिवार आज मैत्री पर गर्व कर रहा है।