पटना विश्वविद्यालय के स्थापना दिवस के अवसर पर यूनिवर्सिटी के नए प्रस्तावित अकादमिक और प्रशासनिक भवनों के नए डिजाइन जारी किए गए। 96 वर्ष पुराने व्हीलर सीनेट हाउस में यह सालगिरह प्रोग्राम का आयोजन किया गया था। अब इस इमारत का जोर्णीदार करने की तैयारी है। इसके लिए सरकार ने तीनों परियोजनाओं को स्वीकृति दे दी है। यूनिवर्सिटी के वाइस चांसलर गिरीश कुमार चौधरी ने बताया है कि पहले इन दोनों भवनों का प्रस्ताव सालभर पहले रखा गया था। मगर डिजायन में कुछ खास परिवर्तन किए गए हैं।
पीयू के नई बिल्डिंग कैंपस में जी प्लस प्रशासनिक खंड का निर्माण होगा। पिछली योजना के मुताबिक ऊपरी मंजिल पर सभागार का निर्माण होना था मगर इसे ग्राउंड फ्लोर पर बनाया जाएगा। वहीं, अकादमिक खंड जी प्लस 8 (भूतल एवं आठ प्लोर) होगा। नीचले माले पर कैफेटेरिया बनेगा और हर माले पर औसतन दो विभाग होंगे। इस भवन में एक लाइब्रेरी होगा। नए डिजायन का स्लाइड कुलपति ने दिखाया। इस प्रोजेक्ट पर 139 करोड़ रुपए लागत आने का अनुमान है। एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा था कि डिजायन को अंतिम रुप देने से पूर्व ऊंचाई संबंधी प्रतिबंधों पर गौर किया गया। उसके अनुरूप बदलाव किए गए।
नए बिल्डिंग के लिए टेंडर निकाले जा रहे हैं। तकनीकी प्रक्रिया पूरी होने के बाद दिसंबर या जनवरी में उसकी नींव रखी जाएगी। कुलपति ने बताया कि प्रशासनिक खंड में सामान्य, पंजीकरण, प्रतिष्ठान तथा अन्य विभाग होंगे। साथ ही प्रतिकुलपति दफ्तर और दूसरे विभागों के कार्यालय रहेंगे। उन्होंने बताया कि उसमें सिंडिकेट, संगोष्ठी कक्ष और अकादमिक परिषद होंगे। उनके मुताबिक परियोजना के दो वर्ष में पूरा होने की उम्मीद है।
कुलपति गिरीश कुमार चौधरी ने बताया कि खाली हो जाने के पश्चात पुराने प्रशासनिक खंड का इस्तेमाल व्यावसायिक पाठ्यक्रमों के लिए होगा। पीजी विभागों के नए अकादमिक भवन में शिफ्ट होने के बाद वाणिज्य महाविद्यालय को दरभंगा हाउस में शिफ्ट किया जाएगा। यूनिवर्सिटी के खोए वैभव को पुनः हासिल करने की हम कोशिश कर रहे हैं।