बिहार के लाल मुकेश क्रिकेट में दिखाएंगे जलवा, टीम-ए में हुए शामिल, पिता चलाते थे ऑटो, प्रेरक है इनकी कहानी।

बिहार के गोपालगंज जिले के एक छोटे से कस्बे काकड़कुंड निवासी मुकेश कुमार का दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ एकदिवसीय मुकाबलों की सीरीज के लिए भारतीय टीम में सिलेक्शन हुआ है। इससे पहले बिहार से इंडियन टीम के लिए पटना के ईशान किशन का सिलेक्शन हो चुका है। भारतीय टीम में ऐसा पहली दफा होगा जब बिहार के दो खिलाड़ी एक साथ खेलते नजर आएंगे।

हाल ही में मुकेश कुमार ने इंडिया-ए और न्यूजीलैंड-ए की टीम के बीच खेले गए टेस्ट मुकाबले में बेहतरीन गेंदबाजी की थी, तेज गेंदबाज मुकेश ने चार दिवसीय मुकाबले में 4 विकेट चटकाए थे और श्रृंखला के सर्वश्रेष्ठ गेंदबाज साबित हुए थे। जिसके बाद बीसीसीआई की नजर मुकेश पर गई थी। शनिवार को खेले गए ईरानी ट्रॉफी के मैच में मुकेश में सौराष्ट्र के विरुद्ध शानदार गेंदबाजी करते हुए 4 विकेट चटकाए थे।

मुकेश का चयन भारतीय क्रिकेट टीम में होने से परिवार तथा जिला के लोगों में खुशी की लहर है। मुकेश के पिता इस दुनिया में नहीं है, वह कोलकाता में ऑटो चलाकर परिवार की जिम्मेदारी संभालते थे। माता गृहिणी हैं। मुकेश गांव में ही गली के बच्चों के संग क्रिकेट खेलते हुए आज इतनी बड़ी सफलता हासिल की है। फिलहाल मुकेश बंगाल टीम की ओर से खेलते हैं।

मुकेश उस समय सुर्खियों में आए, जब उन्होंने गोपालगंज में प्रतिभा की तलाश कंपटीशन में धारदार गेंदबाजी की। इस प्रतियोगिता में खेले गए सात मुकाबलों में उन्होंने एक हैट्रिक सहित कुल 34 विकेट हासिल किए। जिसके बाद गोपालगंज क्रिकेट टीम के सीनियर प्लेयर सत्यप्रकाश नरोत्तम और उस समय हेमंत ट्रॉफी के जिला टीम की कमान संभाल रहे अमित सिंह की नजर मुकेश पर गया और वे जिला टीम की ओर से खेलने लगे। क्रिकेट की मान्यता बिहार में नहीं होने की वजह से उन्हें बंगाल जाना पड़ा। रणजी ट्रॉफी के लगातार दो सीजन में मुकेश में 30 से अधिक विकेट चटका कर चयनकर्ताओं की आंखों में आए और आज भारतीय टीम में जगह मिली।

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