अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट जो बिहटा में बनाया जाना था अब उसे छपरा में बनाये जाने की संभावना है। क्योंकि अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट के लिए जमीन की आवश्यकता को मध्य नजर रखते हुए एयरपोर्ट आथोरिटी आफ इंडिया की स्टडी कमेटी ने बिहटा में जमीन कमी की बात कही है। जिसके बाद बिहटा में बनाए जाने वाले अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट को सारण में बनाए जाने की चर्चा तेज हो गई है।
एयरपोर्ट आथोरिटी आफ इंडिया की स्टडी कमेटी ने अपनी स्टडी के आधार पर बिहटा व सारण में तुलना करते हुए एयरपोर्ट निर्माण में आने वाली सुविधाओं एवं समस्याओं की चर्चा करते हुए एक रिपोर्ट जारी की है। स्टडी कमेटी ने बिहटा में एयरपोर्ट बनाए जाने के क्रम में भूमि अधिग्रहण की समस्या की बात कही गई है। कमेटी ने यह भी कहा है कि जगह की कमी होने के कारण एयरपोर्ट के रनवे विस्तार में परेशानी आ सकती है। वही सारण में जमीन की उपलब्धता होने के कारण समानांतर रनवे बनाना आसान होगा।
अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट निर्माण को लेकर स्थान चयन की जिम्मेदारी राज्य सरकार की है राज्य सरकार जहां भी पर्याप्त जमीन उपलब्ध कराएगी वह एयरपोर्ट को बनाया जाएगा। सूत्रों से मिल रही जानकारी के मुताबिक अगर सब कुछ ठीक रहा तो दिघवारा में अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट बनाया जा सकता है क्योंकि दिघवारा के मानूपुर में 600 बीघा व सैदपुर में 200 बीघा आम गैरमजरूआ जमीन भी उपलब्ध है। जमीन की उपलब्धता होने के कारण सरकार को भूमि अधिग्रहण नहीं करनी पड़ेगी जिससे मुआवजे पर आने वाला खर्च भी कम होगा। इस संदर्भ में स्थानीय सांसद ने जिलाधिकारी से सर्वे कराने की मांग की है।
दूसरी ओर सारण जिले में स्थित हरदिया चंवर में इस एयरपोर्ट को बनाए जाने की चर्चा की जा रही है और उसके जमीन लिए उपलब्ध कराने की बात हो रही है। हरदिया चंवर पश्चिम छोर पर दरियापुर के अकीलपुर बजहियां गांव और पूर्वी छोर में शिकारपुर आएगा। अभी उसके बगल में ही डुमरी में एसएसबी का कैंप भी बन रहा है। इस संदर्भ में अभी तक कोई आधिकारिक सूचना नहीं प्राप्त हुई है। आपको बता दें कि बिहटा में जो अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट बनाया जाना था उस पर कुल 935 करोड़ खर्च आने की संभावना है।