अब भारत भी वृहद स्तर पर ग्रीन एनर्जी का उत्पादन करेगा। दूसरे देशों पर निर्भर रहने वाला भारत अब आत्मनिर्भर बनेगा। आत्मनिर्भर अभियान को बढ़ावा देने के मकसद से भारत सरकार ने ग्रीन एनर्जी इंडस्ट्री के उत्पादन के लिए केमिस्ट्री से की उत्पादन यूनिटों को वृहद पैमाने पर स्थापना करने जा रही है। भारत सरकार ने वैश्विक स्तर पर बोलियां भी लगाई है। अगले दो साल के भीतर से इसे पूरे किए जाने का लक्ष्य है।
फिलहाल भारत में चीन और ताइवान जैसे देशों से लिथियम, आयन सेल का आयात होता है। सरकार चाहती है कि अब स्वच्छ ऊर्जा सुरक्षा सुनिश्चित करने के मकसद से एसएससी उत्पादन इकाइयों की स्थापना भारत में ही हो। इसके लिए कंपनी केंद्र सरकार और राज्य सरकारों के बीच एक समझौते के तहत हस्ताक्षर होगा। यूनिट की स्थापना के संबंध में अगले साल के जनवरी में बोलियां खोली जाएंगी।
मिली जानकारी के अनुसार इस परियोजना में एससीसी बैटरी सवेर निर्माण के लिए करीब 45 हजार करोड़ रुपए का डायरेक्ट इन्वेस्टमेंट होगा। इस योजना से भारत को बेहद फायदा होने वाला है। तेल आयात बिल में कमी होगी जिससे 2 लाख करोड़ रुपये से 2 लाख 50 हज़ार करोड़ रुपए तक की बचत होगी। इस परियोजना के शुरू होने से इलेक्ट्रिकल की मांग में वृद्धि होगी जिससे प्रदूषण की समस्या से मुक्ति मिलेगी। गैस उत्सर्जन को कम होने में भी एसएससी की महत्वपूर्ण भूमिका रहेगी।