पूजा यादव जो कभी रिसेप्शनिस्ट का काम करती थी। वक्त का पहिया ऐसा घुमा कि फर्श से अर्श तक का सफर उन्होंने तय किया। जहां भारत के लोगो को विदेश में नौकरी करना सपने के सच होने जैसा रहता है। जर्मनी में भी नौकरी मिली, लेकिन पूजा ने इसे ठुकरा सिविल सर्विसेज की तैयारी करने की ठानी। आज पूजा गुजरात की आईपीएस अधिकारी है।
घर के माली हालातों के चलते पूजा को इस रिसेप्शनिस्ट का काम करना पड़ा था। एमटेक की पढ़ाई को जारी रखने के लिए बच्चों को ट्यूशन भी पढ़ाना पड़ा था। आईपीएस पूजा यादव हरियाणा से बिलॉन्ग करती है। प्रशिक्षण पूरा करने के बाद पूजा को पहली दफा पिछले साल सितंबर में बनासकांठा (गुजरात) मैं तैनाती हुई थी।
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बायो टेक्नोलॉजी में भारत में जॉब के अवसर कम होने के कारण पूजा को जर्मनी और कनाडा का रूख करना पड़ा था। हमेशा से ही देश के लिए कुछ करने की ख्वाहिश रखने वाली पूजा जॉब को ठुकरा कर वापस भारत चली आई। IPS बनने की ठानी, उन्होंने अपना पूरा ध्यान सिविल सर्विसेज के तैयारियों में झोंक दिया।
पहले प्रयास में असफलता लगने के बाद भी पूजा ने जमकर तैयारी की। और दूसरे ही अटेम्प्ट में सिविल सर्विसेज की परीक्षा को पास कर IPS अधिकारी बन गई। प्रशिक्षण के दौरान IAS विकल्प से नजदीकियां बढ़ी और इसी साल के फरवरी महीने में शादी भी कर ली।
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आईपीएस पूजा की गिनती एक ईमानदार और कर्तव्यनिष्ठ पदाधिकारी के तौर पर होती है। उनके चाहने वाले लाखों की संख्या में उन्हें सोशल मीडिया पर फॉलो करते हैं। पूजा की प्रतिभा का एक उदाहरण है, कि उन्होंने बतौर एसपी डेढ़ करोड़ के शराब को जब्त किया था।