भारत में सिविल सर्विसेज की तैयारियों का जुनून सर चढ़ कर बोलता है। इस एग्जाम को क्लियर करने के चक्कर में कितने युवा फर्श से अर्श तक पहुंच जाते हैं तो कितने इस तपती भट्टी में जलकर भस्म हो जाते हैं। लेकिन एक ऐसा भी परिवार है, जिसमें पिता समेत परिवार के कुल चार सदस्य आईपीएस अधिकारी बनकर देश की सेवा कर रहे हैं। आइए इस कहानी से रूबरू होते हैं।
आंध्र प्रदेश के कृष्णा जिले की एम.विष्णु वर्धन राव की परिवार
की कहानी है। परिवार के कुल चार सदस्य UPSC की परीक्षा पास कर IPS बन देश की सेवा कर रहे हैं। परिवार के मुखिया विष्णु वर्धन के अलावा बेटे एम हर्षवर्धन, बेटी एम दीपिका और दामाद विक्रांत UPSC की एग्जाम क्रैक कर आईपीएस अधिकारी बन विभिन्न पदों पर सेवाएं दे रहे हैं। यह भारत का पहला परिवार है, जिसमें पिता, बेटा, बेटी व दामाद आईपीएस अफसर हैं।
ये चारों IPS अधिकारी अपने–अपने महकमे में काबिल और कर्तव्यनिष्ठ आधिकारी के तौर पर जाने जाते हैं। एम विष्ण वर्धन के पास तो PPMDS व PMMS जैसे प्रतिष्ठित पुलिस पदक भी हैं। ये चारों आईपीएस अधिकारी तीन राज्यों में अपनी सेवाएं दे रहे हैं। आईपीएस एम दीपिका बताती हैं कि उन्होंने आईपीएस विक्रांत पाटिल से लव मैरिज की थी। कर्नाटक से आने वाले विक्रांत पाटिल को तमिलनाडु में अपनी सेवा दे रहे थे, लेकिन शादी के बाद विक्रांत भी पत्नी एम दीपिका के कैडर आंध्र प्रदेश में चले आए।
दोनों भाई बहन ने राजस्थान के झुंझुनूं जिले के पिलानी स्थित बिट्स से इंजीनियरिंग की थी। बात उनके बेटे आईपीएस एम हर्षवर्धन की करें तो बहुत ही कम उम्र में आईपीएस बन जाने के बाद साल 2012 ही अरुणाचल प्रदेश की राजधानी इटानगर के एसपी के रूप में तैनात किए गए थे। हर्षवर्धन की गिनती देश के तेज तर्रार पुलिस अधिकारियों में होती है। उनकी काम करने का ही नतीजा था कि उन्हें केंद्रीय गृह मंत्रालय की तरफ से सम्मानित किया गया था।
आईपीएस एम दीपिका कहती है, अपने भाई से उन्होंने काफी कुछ सीखा है। पिता और भाई को देख शुरु से ही आईपीएस अफसर बनने की इच्छा थी। बता दें कि पिता आईपीएस एम विष्णु वर्धन राव 1987 साल के बैच के आईपीएस अधिकारी है।