एक कूली के बेटे जिसने खड़ी कर दी 100 करोड़ की कंपनी, दैनिक जीवन में हम कई छोटी-मोटी वस्तुओं को प्रयोग में लाते है जिनपर होने वाला खर्च मामूली मात्र होता है पर उसी एक वस्तु को जब बड़ी आबादी द्वारा उपयोग में लाया जाता है तो उस वस्तु पर होने वाला कुल खर्च बहुत बड़ी राशि होती है. इसी प्रकार कई कंपनी अपने द्वारा उत्पादित छोटी-छोटी वस्तुओं ज्यादा लोगों तक पहुंचा कर बड़ा मुनाफा कमा रही होती है.
इसी तरह की संभावनाएं तलाशने की कला और मेहनत के बदौलत कोई आम इंसान बड़ी उपलब्धि हासिल करता है. ठीक इसी प्रकार एक कुली के बेटे ने करोड़ो की कंपनी खड़ी कर दी. मुस्तफा ने ईडली डोसे जैसे नाश्ते जो हमारे लिए बस एक दैनिक जीवन का हिस्सा मात्र है उसे ही बेचकर करोड़ों की कंपनी खड़ी कर दी. तो चलिए जानते है उस प्रतिभाशाली व्यक्ति के बारे में जिन्होंने ये कर दिखाया है.
वायनाड स्थित एक गांव चेन्नालोडे में जन्मे मुस्तफा की उम्र 48 वर्ष हैं. मुस्तफा ने बचपन से ही गरीबी और आर्थिक समस्याओं को देखा. मुस्तफा के पिता एक कॉफी बागान में कूली का काम करते थे. पारिवारिक परिस्थितियां उन्हें पढ़ने का समय ही नहीं देती थीं. स्कूल के बाद वो पिता के काम में हाथ बंटाने चले जाते थे. मुस्तफा छठी क्लास में फेल हो गए थे पर दसवीं उन्होंने प्रथम श्रेणी से पास किया. इसके बाद में मुस्तफा ने नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (NIT) में कंप्यूटर साइंस की पढ़ाई की, जिसके बाद उन्होंने अमेरिका में एक भारतीय स्टार्ट अप मैनहैट्टन एसोसिएट्स में नौकरी की.
इडली डोसे जैसे मामूली नाश्ते ने पीसी मुस्तफा जैसे साधारण व्यक्ति को बड़ा बिजनेसमैन बनने में मदद की. जब सारे संसाधन उपलब्ध हो ऐसे में बिजनेस करना कोई बड़ी बात नहीं है पर जिन हालातों में मुस्तफा पले बढ़े वैसी स्थिति में व्यापार करना और उसे कामयाबी की बुलंदियों तक पहुंचाना अपने आप मरबहुत बड़ी बात होती है. मुस्तफा जिस तरह के पारिवारिक परिवेश से संबंध रखते थे वैसे में उनके पास हमेशा से संसाधनों की कमी रही है. मुस्तफा के पिता कुली का काम किया करते थे, लेकिन इन सब के बावजूद मुस्तफा ने ज़िंदगी में आने वाली तमाम कठिनाइयों के सामने कभी हार नहीं माने. रेडी टू ईट खाने के शौकीनों लोगों के लिए ID Fresh कंपनी का नाम नया नहीं है. आईडी फ्रेश जैसी रेडी टू ईट कंपनी के संस्थापक पीसी मुस्तफा ही है.
मुस्तफा को ID Fresh शुरू करने का विचार साल 2005 में आया तब उन्होंने सिर्फ 25,000 रुपए के निवेश के साथ शुरुआत की. पर ID Fresh की औपचारिक शुरुआत साल 2010 से मानी जाती है. यह कंपनी इडली डोसा बनाने के लिए जरूरी मिश्रण को बेचती है. मुस्तफा ने अपने चेचेरे भाईयों के साथ मिलकर व्यापार को शुरू किया था. कभी 1 दिन में मात्र 100 पैकेट बेचने वाली कंपनी आज प्रतिदिन 50000 पैकेट बेचती है. मौजूदा समय में ID Fresh में 650 लोग काम करते हैं. साल 2019-2020 में इसका टर्नओवर 350-400 करोड़ रहा.