अयोध्या से जनकपुर तक, पूर्वी चंपारण के दिसंबर में केसरिया के कैथवलिया में विराट रामायण मंदिर का निर्माण प्रारंभ होगा। यहीं छह माह के अंदर विश्व के सबसे बड़े ओर 33 फीट ऊंचे शिवलिंग बनेगी। 2024 में मंदिर का उद्घाटन होगा तथा दर्शन-पूजन शुरू होगा। महावीर मंदिर ट्रस्ट के सचिव आचार्य किशोर कुणाल के मुताबिक पहले पाइलिंग का कार्य शुरू किया जाएगा। प्लिंथ तक आकर काम को रोका जाएगा। फिर शिवलिंग बनेगी, तब छत का निर्माण कार्य शुरू होगा।
बता दें कि तमिलनाडु के त्रिचुरापल्ली की पहाड़ी से शिवलिंग के लिए ग्रेनाइट की चट्टान ली गई है। लगभग 250 मीट्रिक टन वजन वाली इस चट्टान को 156 चक्के तथा 122 फीट लंबी गाड़ी से महाबलीपुरम पहुंचाया गया है। यहां से तराशने के पश्चात कैथवलिया लाने में डेढ़ माह का वक्त लगेगा। क्योंकि ट्रक की रफ्तार प्रतिघंटा 5 किलोमीटर होगी। वजन से कहीं रोड न धंस जाए, इसलिए चकिया से कैथवलिया के बीच 12 किमी विशेष तकनीक से सड़क और पुल-पुलिया का निर्माण होगा।
बता दें कि विराट रामायण मंदिर के शिवलिंग की ऊंचाई 33 फीट और गोलाई 33 फीट होगी। इसका निर्माण महाबलीपुरम में हो रहा है। सबसे ऊपर शिव के पांच मुख होंगे तथा नीचे 1008 सहस्रलिंगम उत्कीर्ण हो रहे हैं।
प्रभु श्री राम ने लंका जाने से पूर्व रामेश्वरम में ही शिव की पूजा की थी। उसी कांसेप्ट पर विराट रामायण मंदिर बनेगा। राम के साथ ही हनुमान, लक्ष्मण, सीता आदि की आदमकद मूर्तियां बनेंगी। अशोक वाटिका बनेगा। मूर्तियों के साथ ही नंदी और अरघा का निर्माण जयपुर में किया जा रहा है। 100 एकड़ से अधिक जमीन मंदिर को मिल गई है और 20 एकड़ का निबंधन बाकी है। प्लांट बैठाने का काम जारी है। आर्किटेक्ट पीयूष सोमपुरा ने हाल में ही मंदिर के साइट विजिट किया है।