भारत की सबसे कठिन प्रतियोगी परीक्षाओं में से एक माने जाने वाली यूपीएससी की परीक्षा पास कर भारत सरकार के प्रशासनिक पदों पर जाने का सपना हर छात्र छात्रा का होता है लेकिन भारत की सबसे कठिन परीक्षा माने जाने वाली यूपीएससी में सफलता पाना इतना आसान नहीं होता। बता दें कि हर साल लाखों विद्यार्थी इसकी परीक्षा देते हैं और चंद विद्यार्थियों का ही चयन हो पाता है वैसे मैं असफल विद्यार्थियों में निराशा का भाव उत्पन्न होता है और वह तैयारी छोड़ देते हैं। वैसे मेअंकिता आज समाज के लिए मिसाल बन कर सामने आई है जिन्होंने इस परीक्षा में तीन बार असफल होने के बाद भी हार नहीं मानी और अपने चौथे प्रयास में आईएएस अफसर बन अपने सपने को पूरा किया।
जानकारी के अनुसार 2020 के यूपीएससी परीक्षा परिणामों में अंकिता को ऑल इंडिया में तीसरा रैंक प्राप्त हुआ पर इस सफलता के पीछे अंकिता की कठिन मेहनत और तीन बार की असफलता भी शामिल है। बता दें कि अंकिता मूल रूप से देश की राजधानी दिल्ली की रहने वाली है। कंप्यूटर साइंस से बीटेक की डिग्री लेने के बाद उन्होंने कुछ समय तक प्राइवेट संस्थान में नौकरी की लेकिन दिल में आईएएस बनने का सपना रहने के कारण उन्होंने अपनी नौकरी छोड़ इस कठिन परीक्षा की तैयारी करना शुरू कर दिया। शुरुआत के 3 अटेम्प्ट में अंकिता को निराशा हाथ लगी लेकिन तीन बार असफल होने के बाद भी उन्होंने हार नहीं मानी और चौथे प्रयास में इस परीक्षा को पास करते हुए तीसरा राय हासिल किया और आईएस अधिकारी बन अपना और अपने परिवार के सपना को पूरा किया है।
अपनी सफलता के ऊपर अंकिता बताती है कि मेरे परिवार का हमेशा मेरी इस परीक्षा के लिए सहयोग रहा। परिवार से कुछ लोग भारत सरकार के विभिन्न प्रशासनिक पदों पर कार्यरत हैं जिसके कारण मेरे भी मन में आईएएस अधिकारी बनकर देश की सेवा करने का जज्बा जगह इसके लिए मैंने साल 2017 में इस परीक्षा हेतु तैयारी करना शुरू किया था लेकिन आरंभ की तीन बार मुझे असफलता मिली। अपने दूसरे प्रयास में उन्होंने इस परीक्षा को पास तो किया लेकिन रैंक सबसे खराब रही थी। जिसके बाद उन्होंने चौथे प्रयास में तीसरी रैंक हासिल कर ना केवल समाज की महिलाओं के लिए मिसाल बनी पर उन लोगों के लिए भी आज एक अच्छा उदाहरण भर कर सामने आई है जो एक बार असफल होने पर हार मान लेते हैं।