प्रखंड के अंतर्गत शादीपुर में बिहार राज्य सरकार की नई टेक्सटाइल नीति के तहत इंट्रीग्रेटेड टेक्सटाइल पार्क का निर्माण किया जाएगा। उधोग विभाग को 23 एकड़ भूमि चिह्नित कर भूमि स्थानांतरण का प्रस्ताव सौंपा है। उक्त बातें सोमवार को आयोजित वीसी में डीएम डाॅ. त्यागराजन एसएम ने मुख्य सचिव को दी। वहीं दूसरी तरफ बुधवार को बुनकर प्रतिनिधियों एवं डीडीसी समेत अन्य अफसरों के साथ स्थल निरीक्षण कर उक्त स्थान पर अभी जो अतिक्रमण है उसे हटाने का आदेश दिया। आपको बता दें कि दक्षिण बिहार के मैनचेस्टर बुनकर नगरी पटवा टोली में जिन कपड़ों का उत्पादन हो रहा है
उन वस्त्रों को राष्ट्रीय स्तर पर पहचान दिलाने को लेकर राज्य सरकार द्वारा इंटीग्रेटेड टेक्सटाइल पार्क स्थापित का फैसला लिया है। जो एक तरह से कलस्टर का भी कार्य करेगा। मालूम हो कि सरकार द्वारा लिए गए इस फैसले से बुनकर समाज में काफी खुशी का माहौल है। वहीं नाम नहीं छापने की शर्त पर एक बुनकर ने बताया कि काफी लंबे समय से बुनकरों द्वारा टेक्सटाइल पार्क की मांग की जा रही है। उन्होंने बताया कि टेक्सटाइल पार्क के निर्माण के बाद यहां भी बड़े कारखानों की भांति शर्टिंग-शूटिंग उत्पादित होंगे। बियाडा के अंतर्गत नई इकाई के लिए 436 आवेदन दिया गया है।
इस योजना का मकसद है बुनकर नगरी पटवा टोली में चल रहे पावरलूम, हैंडलूम समेत टेक्सटाइल उद्योग की पूरे चेन को एक ही जगह पर स्थापित करना है। इसमें धागा बुनाई से लेकर कपड़े बनाने, प्रिंटिंग मशीन तक का काम एक स्थान पर लगाकर बड़े पैमाने पर आधुनिक औद्योगिक बुनियादी ढांचा सुविधा डेवलप करना। हालांकि इससे लॉजिस्टिक लागत भी काम होने के साथ-साथ प्रतिस्पर्धा में गुणात्मक सुधार आएगा। साथ ही साथ रोजगार सृजन को भी बढ़ावा मिलेगा। इस सम्बंध में जिला उद्योग विभाग के महाप्रबंधक वीरेंद्र सिंह ने कहा कि रंगाई के दौरान होने वाले प्रदूषण को मद्देनजर रखते हुए पार्क सह क्लस्टर का निर्माण कराया जायेगा।