एयर इंडिया की बोली को टाटा संस ने जीत लिया है। भारत सरकार के अधीन आने वाएयरलाइन कंपनी एयर इडिया की मालिक अब टाटा संस होगी। एयर इंडिया को पाने में टाटा को 68 साल का लंबा इंतजार करना पड़ा। साल 1953 में भारत सरकार ने टाटा से एयर इंडिया को खरीद लिया था। एयर इंडिया की स्थापना से लेकर टाटा को एयर इंडिया खरीदने तक की कहानी बेहद दिलचस्प रही है।
साल 1932 में जे आर डी टाटा ने एयर इंडिया की स्थापना की थी। स्थापना के अगले साल ही यानि 1932 में इंपीरियल एयरवेज कामिल कॉन्ट्रैक्ट टाटा ने जीता था। शुरुआती दिनों में कंपनी ने सप्ताहिक तौर पर मेल सर्विस शुरू की। अगले ही साल एयरलाइन ने 2,60,000 किलोमीटर की उड़ान के साथ कंपनी ने 60 हजार रुपए का मुनाफा कमाया। साल 1938 में एयर इंडिया को टाटा एयरलाइंस नाम दे दिया गया। भारत सरकार ने साल 1953 में एयर कॉरपोरेशन एक्ट के जरिए टाटा संस को खरीद लिया। तब सरकार ने इसका नाम बदलकर एयर इंडिया इंटरनेशनल लिमिटेड रख दिया।
एक बार फिर 68 साल लंबे अंतराल के बाद एयर इंडिया की मालिक टाटा होगी। सरकार के द्वारा लगी बोली में स्पाइसजेट को पछाड़ते हुए टाटा ने 18000 करोड़ रुपए में एयर इंडिया को खरीद लिया है। इसके बाद टाटा ग्रुप के चेयरमैन रतन टाटा ने ट्वीट कर एयर इंडिया की पुरानी तस्वीर को साझा करते हुए लिखा है, ‘वेलकम बैक एयर इंडिया… जेआरडी होते तो बेहद खुश होते’
एयर इंडिया का 15,300 करोड़ कर्ज टाटा चुकता करेगी। 2700 करोड़ रुपए सरकार को देगी। बता दें कि 31 अगस्त तक एयर इंडिया के ऊपर 61500 करोड़ रुपए का कर्ज था। 15300 करोड़ रुपए टाटा चूकाएगी और बकि के पैसे सरकार को चुकता करना है।