स्मार्ट मीटर लगाने के मामले में बिहार ने नई उपलब्धि हासिल की है। स्मार्ट मीटिंग में बिहार आगे है, जबकि बगल के राज्य झारखंड देश के अन्य राज्यों के मुकाबले काफी पीछे हैं। बिजली उपभोक्ताओं के यहां स्मार्ट मीटर लगाने के मामले में बिहार देश के अग्रणी राज्यों में शुमार हो गया है। पड़ोसी राज्य झारखंड में अभी तक एक भी स्मार्ट मीटर नहीं लगाए जा सके हैं।
ऊर्जा मंत्रालय के नेशनल स्मार्ट ग्रिड मिशन के आंकड़ों पर गौर करें तो देशभर में अबतक एक करोड़ सात लाख पांच हजार 751 स्मार्ट मीटर मंजूर किए गए हैं। जिसमें 47 लाख 40 हजार 677 स्मार्ट मीटर लगाए जा चुके हैं। वहीं 30 लाख 28 हजार 700 स्मार्ट प्रीपेड मीटर को स्वीकृति मिली है, जिसमें 10 लाख 67 हजार 932 प्रीपेड मीटर लगाए जा चुके हैं।
केंद्रीय ऊर्जा मंत्रालय ने बिहार को 24 लाख 8600 स्मार्ट मीटर स्वीकृत किए हैं, जिसमें बिहार में 9 लाख 92 हजार 707 उपभोक्ताओं के यहां स्मार्ट मीटर लग चुका है। देश में सबसे ज्यादा है स्मार्ट मीटर लगाने वाला राज्य बिहार बन चुका है। वहीं लिस्ट में दूसरा में मौसम का है जहां दो लाख 73 हजार 724 लोगों के घरों में स्मार्ट मीटर लगाए जा चुके हैं। तीसरे नंबर पर दिल्ली है। यहां दो लाख 58 हजार 886 घरों में स्मार्ट मीटर लगाए जा चुके हैं।
बता दें कि स्मार्ट मीटर सामान्य मीटर की तरह होता है इसमें रियल टाइम बिजली की खपत बताई जाती है। यूनिट की स्पीड और लोड ये तमाम चीजें पारदर्शी होती हैं। उपभोक्ता मोबाइल की तरह ही स्मार्ट प्रीपेड मीटर में रिचार्ज करेंगे। मीटर में बैलेंस खत्म होने के बाद बिजली की सप्लाई भी बंद हो जाएगी। दोबारा रिचार्ज करेंगे तभी बिजली सप्लाई शुरू होगी। बैलेंस खत्म होने के कुछ दिनों पहले ही उपभोक्ताओं के मोबाइल पर मैसेज आने लगता है। उपभोक्ता स्मार्ट प्रीपेड मीटर में रिचार्ज की सुविधा एप या ऑनलाइन के माध्यम से कर सकते हैं।