देसी स्टाइल से पढ़ाने के लिए युवाओं और छात्राओं में खासे लोकप्रिय खान सर को हर कोई जानता है। देश ही नहीं विदेश से भी खान सर के वीडियो को करोड़ों की संख्या में देखा जाता है। बच्चे हो या प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी करने वाले छात्र खान सर के वीडियो का बेसब्री से इंतजार करते रहते हैं। आज हम खान सर के जीवन से जुड़े दिलचस्प किस्से और उनकी कामयाबी की कहानी बताने वाले हैं।
उत्तर प्रदेश के गोरखपुर के मध्यम वर्गीय परिवार से आने वाले खान सर का पूरा नाम फैजल खान है। पिता भारतीय सेना में है, मां घर में ही कामों को देखती है। बड़े भाई भी भारतीय सेना में कमांडो है, लिहाजा खान सर की भी ख्वाहिश थी कि भारतीय सेना में जाकर देश की सेवा करें। इसके लिए उन्होंने नेशनल डिफेंस एकेडमी यानि एनडीए की परीक्षा भी पास कर ली, लेकिन शारीरिक कारणों के चलते उनका चयन नहीं हो पाया।
भारतीय सेना में चयन नहीं होने के बाद खान सर ने बच्चों को शिक्षित करने की सोची। इस सिलसिले में बच्चों को पढ़ाने के लिए खान सर ने बिहार की राजधानी पटना का रुख किया। पटना आकर उन्होंने अपना कोचिंग क्लास खोला, न्यूनतम फीस में बच्चों को जीएस की शिक्षा देने लगे। खान सर के पढ़ाने के तरीके व किसी विषय को देसी स्टाइल में समझाने के चलते छात्र उनके दीवाने हो गए। देखते ही देखते छात्रों की संख्या इतनी बढ़ गई कि कोचिंग क्लासेस में जगह का अभाव पड़ गया। लिहाजा ऑनलाइन प्लेटफॉर्म के जरिए बच्चों को शिक्षित करने के लिए खान सर ने साल 2019 में Khan GS Research Center के नाम से अपना यूट्यूब चैनल भी खोला।
यूट्यूब पर भी खान सर के वीडियो को देखने वाले की संख्या बढ़ती गई। कोरोना काल के चलते एकतरफ जहां कोचिंग संस्थान बंद रहे, वहीं खान सर ने घर बैठे ही बच्चों के लिए रोजाना समसामयिक मुद्दों पर वीडियो डालना शुरू कर दिया। खान सर के शिक्षण शैली से लोग इतने प्रभावित हुए कि रोजाना इनके वीडियो को करोड़ों में देखा जाने लगा। महज कुछ महीनों में ही सब्सक्राइबर्स 10 मिलियन के आंकड़ों को पार कर गया। आज खान सर के यूट्यूब पर सब्सक्राइबर्स की संख्या 12.3 मिलियन है, जो कि भारत का सबसे बड़े एजुकेशनल चैनल है।
बीते साल ही अप्रैल में खान सर ने सगाई की थी, कोरोना काल के चलते शादी की तिथि में बदलाव कर दिया गया था। उनकी होने वाली पत्नी एक एमबीबीएस डॉक्टर है और बनारस हिंदू यूनिवर्सिटी में पढ़ती हैं। खान सर लोगों की भी काफी मदद भी करते हैं, एनजीओ का भी संचालन करते हैं। राजधानी पटना में भी एक अनाथालय सेड का संचालन किया जाता है, जहां जरूरतमंदों बच्चों की देखरेख और उन्हें फ्री शिक्षा दी जाती है। खान सर की प्रतिभा और उनके शिक्षण शैली पर हमें भी गर्व है।