जिद, जुनून और जज्बा जिस इंसान के अंदर घर कर जाता है, यकीनन सफलता उसके कदमों को चूमती है। तमाम मुसीबतों के बाबजूद भी जिनके हौंसले फौलाद की तरह बुलंद रहते हैं, उनके सपने जरूर साकार होते है। KBC-13 की पहली करोड़पति हिमानी बुंदेला की कहानी संघर्षों से भरी रही है, अपने जीवन में तमाम उतार-चढ़ाव के बावजूद भी हिमानी ने कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा। आंखों की रोशनी खोने के बाद भी अपने मजबूत इरादे से शिक्षिका बनने से लेकर केबीसी में करोड़पति बनने तक का सफर आसान नहीं रहा है, हम सबको हिमानी की कहानी पढ़नी चाहिए।
उत्तर प्रदेश के आगरा जिले से हिमानी बुंदेला बिलॉन्ग करती है। जब हिमानी 15 साल की थी तब एक सड़क हादसे में आंखों की रोशनी खत्म हो गई थी, बावजूद इसके हिमानी ने कभी पढ़ाई को नहीं छोड़ा। पिता व बड़ी बहन ने हर परिस्थिति में हिमानी का भरपूर सपोर्ट किया, शंकुतला विश्वविद्यालय से ग्रेजुएशन के बाद बीएड की पढ़ाई पूरी की फिर केंद्रीय विद्यालय में शिक्षिका की नौकरी लगी। बच्चों को शिक्षा देने के साथ ही हिमानी दिव्यांग बच्चों के लिए अवेयरनेस प्रोग्राम भी ऑर्गेनाइज करती हैं।
हिमानी की ख्वाहिश डॉक्टर बनने की थी, लेकिन सड़क हादसे में यह सपना चकनाचूर हो गया। बचपन से ही रियलिटी शो देखने की शौकीन हिमानी 5 साल की उम्र से ही केबीसी देखती हैं। केबीसी में करोड़पति बन अमिताभ बच्चन से मिलना हिमानी का सपना था, जो अब साकार हो गया।
केंद्रीय विद्यालय आगरा में गणित की शिक्षिका के रूप में सेवा दे रही हिमानी ने कुछ दिनों पहले ही केबीसी के 13वें सीजन के लिए ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन किया था, जिसके बाद उन्हें मुंबई से बुलावा आया। दृष्टिहीनता के बावजूद हिमानी बुंदेला ने केबीसी के 13वें सीजन में पहले करोड़पति बन लोगों के लिए मिसाल बन गई है। अपने राज्य के साथ ही देश भर में हिमानी की कामयाबी पर हर कोई गर्व कर रहा है। हिमानी की सफलता पर हमें भी गर्व है।