भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान पटना में सुपर कंप्यूटर लगेगा। नेशनल सुपर कंप्यूटिंग मिशन के तहत देश के 9 संस्थानों में सुपर कंप्यूटर स्थापित करने की तैयारी है। जिन संस्थानों में विज्ञान और प्रौद्योगिकी मंत्रालय ने इसे लगाने की अनुमति दी है, उनमें आईआईटी दिल्ली, आईआईटी मुंबई, आईआईटी मद्रास, इंटर यूनिवर्सिटी एक्सेलेरेटर दिल्ली, सीडैक पुणे, एसएन बोस नेशनल सेंटर फॉर बेसिक साइंस, नेशनल सेंटर फॉर रेडियो एस्ट्रोफिजिक्स पुणे, एनआईसी दिल्ली के साथ आईआईटी पटना शामिल हैं।
बता दें कि देश के दस प्रीमियम इंस्टिट्यूशन में पहले फेज में सुपर कंप्यूटर स्थापित किए जा चुके हैं। दूसरे चरण में इस मिशन को पूरा करने का जिम्मा सीडैक पुणे और इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ साइंस बेंगलुरु को दिया गया है। इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ साइंस बेंगलुरु में हाल ही में अब तक का सबसे पावरफुल सुपर कंप्यूटर परम प्रवेग को स्थापित किया जा चुका है। इसकी स्पीड 3.3 पेटाफ्लॉप होगी। एक पेटाफ्लॉप प्रति सेंकेंड 1015 ऑपरेशन के समतुल्य होता है। यह पलक झपकते अनगनित गणनाएं करने में समर्थ होता है।
आईआईटी पटना के एसोसिएट डीन जावर सिंह ने कहा कि सुपर कंप्यूटर लगने से शोध की गुणवत्ता निखरेगी ही बल्कि राज्य के सामाजिक आर्थिक विकास की दिशा में यह मील का पत्थर साबित होगा। राज्य में शिक्षा, चिकित्सा, मौसम पूर्वानुमान, जलवायु परिवर्तन अध्ययन, बाढ़ का अध्ययन, बायोटेक्नोलॉजी, रोबोटिक्स, आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस, आधारभूत संरचना, शोध के क्षेत्र में इस सुपर कंप्यूटर की अहम भूमिका होगी। खगौल, भौतिकी, आणविक विज्ञान जैसे अनुसंधान के लिए भी इसका इस्तेमाल किया जा सकता है। उन्होंने बताया कि एमएसएमई और स्टार्टअप के बदलाव में यह अद्यतन सुपर कंप्यूटर अग्रणी भूमिका निभाएगा।
बता दें कि पलक झपकते ही सुपर कंप्यूटर एक लाख करोड़ से अधिक गणनाएं करने में सक्षम होता है। देश का पहला सुपर कंप्यूटर परम 8000 है, जिसे साल 1991 में तैयार किया गया। भारत अब तक परम 8000, परम 8600, परम 9900/एसएस, परम 10000, परम पद्म, परम युवा, परम युवा द्वितीय, परम शिवाय, परम शक्ति, परम ब्रह्म, परम युक्ति, परम संगणक जैसे सुपर कंप्यूटर डेवलप कर चुका है।