बिहार में जल जीवन हरियाली अभियान के तहत 1890 सरकारी विद्यालयों में रूफटॉप सोलर पावर प्लांट स्थापित किया गया है। यह प्लांट स्कूलों की छत पर grid-connected है और खास बात यह है कि इन विद्यालयों की अच्छी-खासी तादाद में उपभोक्ता भी हैं। शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव दीपक कुमार सिंह के नेतृत्व में हाल में हुई मीटिंग में कहा गया कि इन विद्यालयों में 1230 स्कूल ऐसे हैं, जिनका मंजूर विद्युत भार दो किलोवाट पीक है।
उन्होंने बताया कि जिन जिलों में शिक्षा भवन का निर्माण हो गया है, वहां बुनियादी स्कूल और कस्तूरबा गांधी बालिका आवासीय स्कूलों की छत पर रूफटॉप सोलर पावर प्लांट स्थापित किए जाएंगे। ब्रेडा निदेशक ने जानकारी दी कि 5 किलो वाट पिक से ऊपर मंजूर विद्युत लोड का कनेक्शन जिन इमारत में हैं, वहां तीसरे चरण का कनेक्शन लेना अनिवार्य है।
बैठक में फैसला लिया गया कि डाइट के प्रशासनिक इमारतों में 15 किलोवाट पीक का हाइब्रीड सोलर पावर स्थापित होगा। इसके साथ ही अन्य भवनों पर ग्रिड कनेक्टेड रूफ टॉप पावर प्लांट लगेंगे। मीटिंग में ब्रेडा निदेशक ने शिक्षा विभाग के अधिकारियों से आग्रह किया कि जिन स्कूलों में दो किलोवाट पीक से कम का विद्युत लोड का कनेक्शन है। वहां का उपभोक्ता संख्या बतायी जाये।जिससे जिले की एजेंसी को कहा जा सके। बैठक में कहा गया कि शिक्षा विभाग के तमाम स्कूलों तथा अन्य भवनों में सोलर पॉवर प्लांट स्थापित किए जायेंगे।
बिहार के 50 मॉडल उच्च माध्यमिक विद्यालयों आइआइटी पटना के द्वारा अत्याधुनिक विज्ञान लैब स्थापित किया जाएगा। इसके लिए शिक्षा विभाग ने 6.5 करोड़ रुपये जारी की है। दो चरणों में मॉडल विज्ञान लैब की स्थापना की जानी है। पहले चरण में पटना के सात उच्च माध्यमिक स्कूलों में एक करोड़ पांच लाख रुपये खर्च कर विज्ञान लैब स्थापित ह़ोंगी। दूसरे फेज में बाकी 43 लैब स्थापित होंगी। हर जिले में न्यूनतम एक मॉडल लैब जरूर स्थापित होनी है।