EV Vehicle Conversion: जिन डीजल और पेट्रोल गाड़ियों की उम्र पूरी हो चुकी है, अब उसे आसानी से इलेक्ट्रिक में बदलवा सकेंगे। इस व्यवस्था को जनता के लिए चुनाव और पारदर्शी बनाने के लिए दिल्ली परिवहन विभाग पूरा प्रोसेस को ऑनलाइन करने की प्लान बना रहा है। इस पर ईंधन रूपांतरण के लिए अप्लाई करने से लेकर तमाम जानकारी मौजूद होगी। ऐप पर गाड़ियों की रेट्रोफिटिंग की लागत, किट तथा डीलरों के लिए आवेदन के ढंग के बारे में विवरण मिल पाएगा। कहा जा रहा है कि एक महीने के अंदर इस सुविधा की शुरुआत कर दी जाएगी।
बताते चलें कि नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल के फरमान के बाद दिल्ली सरकार ने बीते वर्ष 15 वर्ष पुराने पेट्रोल गाड़ियों और 10 वर्ष पुराने डीजल गाड़ियों को बंद करने का ऐलान किया था। उन्हीं गाड़ियों को इलेक्ट्रिक में चेंज करने (EV Vehicle Conversion) का ऑप्शन दिया गया है। गत जनवरी में ही तकरीबन एक लाख डीजल गाड़ियों को पंजीकृत किया गया था।
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परिवहन विभाग ने ऐसे गाड़ी मालिकों को तीन ऑप्शन दिए थे। जिसके तहत पैनल के सभी डीलरों से गाड़ी को स्क्रैप करवाने को कहा गया था, सरकार के द्वारा अनुमोदित रेट्रोफिटिंग किट के अलावा इसे इलेक्ट्रिक में बदलने (EV Vehicle Conversion) का ऑप्शन दिया गया था या ऐसे गाड़ी मालिक परिवहन विभाग से नो ऑब्जेक्शन सर्टिफिकेट लेकर अन्य राज्यों में अपने गाड़ी रजिस्टर्ड करा सकते हैं।
वहीं, कुछ अफसरों ने जानकारी दी कि किट (EV Vehicle Conversion) फिलहाल महंगी जरूर हैं, लेकिन जैसे जैसे बाजार बढ़ेगा, यह सस्ती होती। हो और अलग-अलग वाहन माडल के लिए विभिन्न कीमतों पर आते हैं। उदाहरण के तौर पर स्विफ्ट डिजायर कार के एक किट की प्राइस 5 लाख रुपये है।
पिछले साल स्वीकृति मिली थी।
मालूम हो कि दिल्ली सरकार ने पिछले साल नवंबर में 10 वर्ष पुराने डीजल तथा 15 वर्ष पुराने पेट्रोल गाड़ियों को इलेक्ट्रिक में बदल कर सड़कों पर चलाने की स्वीकृति दी थी। फिर इसे लेकर परिवहन विभाग में प्रश्नों की संख्या में बढ़ोतरी हो रही थी। अभी दिल्ली में अब तक ऐसा कोई मार्केट नहीं है, जहां पर जाकर पुराने गाड़ियों को ई-कार (EV Vehicle Conversion) में बदल कराया जा सके।
एक प्लेटफॉर्म पर मिलेगी सुविधा।
मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो परिवहन विभाग ने ऐसे गाड़ी मालिकों को एक प्लेटफॉर्म पर सुविधा के लिए इस पहल की शुरुआत की है। इसे लेकर अब तक विभाग ने 11 कंपनियों को सूचीबद्ध किया है। ऑनलाइन बेवसाइट के माध्यम से इलेक्ट्रिक किट निर्माता, किट,वितरक लगाने वाले सेंटर तथा गाड़ियों में इलेक्ट्रिक रेट्रोफिटमेंट (EV Vehicle Conversion) करने वाली सभी कंपनियां एक ही जगह मौजूद होंगे।
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15 जून के बाद बेवसाइट को लॉन्च करने का टारगेट।
परिवहन विभाग के अधिकारी के अनुसार, ऑनलाइन पोर्टल के माध्यम से यह सुविधा रहेगी कि गाड़ी मालिक को पुराने गाड़ी में किट के रेट्रोफिटमेंट के बाद आरटीओ रजिस्ट्रेशन के लिए स्वयं नहीं जाना होगा। अधिकारी के अनुसार, 15 जून के बाद ही पोर्टल को पेश करने का टारगेट रखा गया है। इलेक्ट्रॉनिक कन्वर्जन में गाड़ियों द्वारा ऊर्जा खपत और खर्च के बारे में अधिक जानकारी के लिए यहाँ क्लिक करें।