इन दिनों एक के बाद एक भूकंप के झटके महसूस किए जा रहे हैं। बीते दिन अरुणाचल प्रदेश में भूकंप के झटके महसूस किए गए फिर नेपाल में भूकंप का प्रकोप दिखा था। इसके झटके महसूस करते ही लोगों में अफरा-तफरी का माहौल मच जाता है और जान बचाने के लोग सुरक्षित जगह पर चले जाते हैं। भूकंप से होने वाले छाती से बचने के लिए सरकार कई तरह की पहल करती हैं। इसी कड़ी में बिहार सरकार ने एक पहल की शुरुआत की है।
बिहार की राज्य सरकार ने भूकंप से बचाव के कड़ी में प्रदेश के हर जिले में भूकंप क्लीनिक खोलने का निर्णय लिया है। इसके तहत राज्य की राजधानी पटना, भागलपुर और मुजफ्फरपुर में यह क्लीनिक खुल भी चुके हैं। विशेषज्ञ कहते हैं कि सेसमिक जोन 4 को देखते हुए अगर बिहार में .5 की तीव्रता का भूकंप आता है तो इससे बड़े स्तर पर नुकसान की उम्मीद से मना नहीं किया जा सकता।
बता दें कि भूकंप के लिए में राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन बल की टीमें आम लोगों को इसके खतरे स्कोर से आगाह करती है। टीम इसके लिए मॉक ड्रिल करती है। भूकंप आने के बाद तो कैसे अपने आप को बचें और इसकी पूरी ट्रेनिंग भूकंप क्लीनिक में दी जाती है। इसके साथ ही भूकंप बहुल क्षेत्रों में किस तरह से घर बनाया जाए और आपदा प्रभावित घरों को दोबारा कैसे निर्माण किया जाए, इन सबों के बारे में भूकंप क्लीनिक में जानकारी दी जाती है।
बिहार सरकार ने भूकंप की संभावना के मद्देनजर राज्य के हर जिले में भूकंप के लिए खोलने का फैसला लिया है। इन क्लीनिक में लोगों को ऐसे क्षेत्रों में बनने वाले सीमेंट ऑडिट से बने घर के बारे में बताया जाएगा। यहां इंजीनियर धन जानकारी देंगे कि घर की नींव किस प्रकार से बनाई जाए और पिलर की गहराई, सरिया का आकार और उपयोग किस तरह से किया जाए। इन तमाम चीजों के बारे में भूकंप क्लीनिक में लोगों को जानकारी दी जाएगी।