यदि बिहार के ग्रामीण क्षेत्रों की बदलती सूरत को देखना हो तो इसे मिथिलांचल के झंझारपुर के अररिया संग्राम गांव में स्पस्ट रूप से देखी जा सकती है। दरसल यहां पर ‘दिल्ली हाट’ की तर्ज पर ‘मिथिला हाट’ का निर्माण किया गया है, जो कहें तो ‘दिल्ली हाट’ से भी एक कदम आगे दिख रहा है। हालांकि यहां ‘मिथिला हाट’ के निर्माण होने के बाद यह उम्मीद जताई जा रही है कि बिहार राज्य के दूसरे गांव में भी ऐसा निर्माण कर बिहार के ग्रामीण क्षेत्रों की सूरत बदली जा सके।
आपको बताते चलें कि मधुबनी जिले के झंझारपुर प्रखंड के अररिया संग्राम गांव में NH-57 के बगल में ‘मिथिला हाट’ का निर्माण कराया गया है। हालांकि यह हाट काफी जल्द दुनिया भर के लोगों को समृद्ध मिथिला कला व संस्कृति से परिचित कराने हेतु बहुत ही सुंदर और प्रभावशाली कदम उठा सकता है। सुविधाओं से लैस इस मिथिला हाट का निर्माण बिहार के जल संसाधन विभाग द्वारा करवाया गया है। यह न केवल घरेलू एवं विदेशी पर्यटकों को आकर्षित करेगा; बल्कि स्थानीय अर्थव्यवस्था को भी रफ्तार देगा। इसमें 50 आधुनिक शैली की दुकानें होंगी।
आपको बता दें कि मिथिला हाट का निर्माण इस उद्देश्य से किया गया है मिथिला कला और संस्कृति को बढ़ावा मिल सके। दरसल बिहार के जल संसाधन मंत्री संजय झा खुद मिथिला क्षेत्र से ताल्लुक रखते हैं। इस हाट के निर्माण में मंत्री संजय झा की महत्वपूर्ण भूमिका मानी जा रही है। उनका कहना हैं यह एक सपना सच होने जैसा है जिसके निर्माण के पश्चात बिहार में रोजगार के नए-ने अवसर सृजित होंगे। जिसका सीधा लाभ बिहार के युवाओं को मिलेगा।
अन्य सुविधाओं के अलावा फूड कोर्ट, झरना, प्रशासनिक भवन, ओपन एयर थिएटर, बहुउद्देश्यीय हॉल, शयनगृह, पार्किंग क्षेत्र भी होंगे। साथ ही साथ पूरे परिसर को विभिन्न प्रकार के पौधों और लाइटों से सजाया गया है। जल संसाधन एवं बौद्धिक संपदा विकास मंत्री संजय कुमार झा ने बताया कि मिथिला हाट का निर्माण सपने के सच होने जैसा है। मिथिला हाट ईस्ट-वेस्ट कॉरिडोर के साथ लगा है जो इस प्रतिष्ठित सुविधा तक परेशानी मुक्त पहुंच सुनिश्चित करेगा। इसका उद्घाटन 11 जनवरी को सीएम नीतीश कुमार समाधान यात्रा के दौरान करेंगे। इसके बाद यह जनता के लिए खोल दिया जाएगा।