आपको बता दें कि करीब-करीब एक दशक बाद ईस्ट वेस्ट कॉरिडोर के NH-27 स्थित गंडक नदी पर सतरघाट पुल बनाने का काम प्रारंभ हो गया है। दरसल एकमात्र लेन वाले चालू पुल के समानांतर निर्माण हो रहे दूसरे पुल का करीब 9 सालों से काम बंद था। इससे बिहार को उत्तर प्रदेश से कनेक्ट करने वाले लाइफलाइन पुल पर अधिक लोड के साथ-साथ हमेशा जाम की समस्या रहती थी। जिससे लोगों को काफी परेशानी होती थी। किन्तु अब यहां एक बार पुनः समानांतर पुल का निर्माण शुरू हो जाने से लोगों में एक उम्मीद जगी है कि आने वाले कुछ समय में लोग यहां फर्राटा से अपनी गाड़िया ले जा सकेंगे। इसे अब NH-28 के नाम से जाना जाता है।
ईस्ट वेस्ट कॉरिडोर प्रोजेक्ट के अंतर्गत NH-28 पर निर्माण के दौरान ही पुल का एक स्लैब क्रैक हो गया था। आपको बता दें कि लगभग 800 मीटर की लंबाई में बनने वाले इस पुल का करीब 500 मीटर बनकर पहले से तैयार है। सूत्रों के मुताबिक NHAI ने 500 मीटर को स्वीकृत कर 300 मीटर का नया टेंडर निकाला है। निर्माण कार्य की जिम्मेदारी बांका के कंपनी गणेश राम डोकानिया सौंपी गई है। हालांकि इस कंपनी का बेस कैंप गोपालगंज के महमदपुर में है। पुल का निर्माण कार्य चालू होने से गोपालगंज व पूर्वी चंपारण के लोगों में काफी खुसी है। इसके निर्माण से बिहार सहित नेपाल के लोगों को भी यूपी होकर अन्य प्रदेशों में जाने में काफी सुविधा होगी। सूत्रों के अनुसार कंपनी को पुल का निर्माण 18 महीने में पूर्ण कर जनता को समर्पित कर देना है।
बता दें कि कंपनी को करीब 137 करोड़ की लागत से 300 मीटर नए पुल के साथ खोरंगपुर चौक के नजदीक अंडर पास व NH-27 पर करीब 2 किमी सड़क निर्माण के साथ नदी के दक्षिणी बांध पर 3 किमी पीसीसी भी बनना है। आपको बताते चलें कि वर्ष 2007 में ही 800 मीटर लंबे पुल का निर्माण हैदराबाद के कंपनी पीसीएल के जरिये 300 करोड़ लागत से शुरू हुआ था, किन्तु विभागीय देखरेख के बिना पुल का काम पूरा नही हो पाया लटका ही रह गया और कंपनी काम छोड़कर भाग गई। इसके बाद 2013 में इस कंपनी को ब्लैकलिस्टेड भी कर दिया गया था। उसके बाद फिर दूसरी कम्पनी इस काम को पूरा करा रही।