Bihar Land New Rule: बिहार में जमीन पर बहस लगातार बढ़ती जा रही है। अब कोर्ट में आने वाले अधिकांश मामले जमीन विवाद से संबंधित हैं। हालाँकि, राज्य सरकार भी ऐसे विवादों पर गंभीर है. प्रत्येक शनिवार को सभी थानों में जमीन विवाद के लिए जनता दरबार लगाया जाता है, जिसमें दो पक्षों के बीच जमीन के बंटवारे या तनाव पर चर्चा होती है, और सीओ और थानाध्यक्ष को इसका निपटारा करना दिया जाता है। वहीं, सरकार ने जमीन रजिस्ट्री के लिए एक नया कानून बनाया है जिससे पूरा जमीन डाटा ऑनलाइन हो जाएगा।
जमीन की रजिस्ट्री अब Bihar Land New Rule में जमाबंदी के बिना नहीं होती
याद रखें कि राज्य में पहले जमीन की रजिस्ट्री नहीं थी। इसलिए धोखाधड़ी होती थी और जमीन बेची जाती थी। ऐसे मामले लगातार बढ़ रहे थे। अब राज्य सरकार ने इसकी समीक्षा के बाद जमीन की रजिस्ट्री पर Bihar Land New Rule लागू किया है। जिसमें जमाबंदी दर्ज करने वाले व्यक्ति अब जमीन बेच सकेंगे। हाई कोर्ट ने इस नियम को पूरे राज्य में लागू कर दिया है। दोनों पक्षों के बीच अब कोई बहस नहीं होगी और जमीन की बिक्री से संबंधित धोखाधड़ी की कोई संभावना नहीं होगी।
सरकार ने कठोर निर्णय लिया
साथ ही, सरकार भूमि विवादों को कम करने के लिए एक भूमि अभिलेख प्रबंधन प्रणाली बनाने की कोशिश कर रही है। आईआईटी, रूड़की इस कार्य को पूरा करेगा। इसके लिए सरकार ने 16.50 करोड़ रुपये भी मंजूर किए हैं। सरकार का मानना है कि भूमि विवादों को कम करने के लिए भूमि डेटा और मानचित्रों को पूरी तरह से अद्यतन करना चाहिए। विभाग और आम जनता दोनों को पारदर्शिता मिलेगी इससे।
विशेष शिविर में जमाबंदी का नवीनीकरण
राज्य के सभी प्रखंड में जमीन की जमाबंदी को अद्यतन करने के लिए सप्ताह में तीन दिन मंगलवार, बुधवार और शुक्रवार को पंचायत भवन, ग्राम न्यायालय और सामुदायिक भवन में विशेष शिविर लगाया जा रहा है। साथ ही, सीओ को कैंप में मौजूद रहने, काम की निगरानी करने और शिविर में दाखिल खारिज करने का निर्देश दिया गया है। इसके साथ, किसी भी गड़बड़ी को तत्काल सुधारने का आदेश दिया गया है। राजस्व अधिकारियों और सीओ को इसका पालन करना दिया गया है।
Bihar Land New Rule में, उन परिवारों की सुविधा के लिए जिनके पास अपने पूर्वजों के नाम पर जमाबंदी या होल्डिंग है लेकिन अभी तक अपने-अपने नाम पर जमाबंदी या होल्डिंग नहीं बनाया है, सरपंच द्वारा जारी वंशावली के आधार पर सभी अंचलों में बनाई गई जमाबंदी में छूटे हुए खाता, खेसरा, रकवा और लगान को अपडेट किया जाएगा, ताकि उनकी सुविधा हो सके। साथ ही, अगर सरपंच नहीं है या सरपंच द्वारा निर्गत वंशावली नहीं है, तो राजस्व अधिकारी वंशावली बनाएगा और भूमि माप में छूटे हुए दाखिल-खारिज, खाता, खेसरा और लगान को संशोधित करेगा।