बिहार में इन दिनों रबी की फसल कटाई हो रही है। बिहार के किसान गेहूं, सरसों और चना की फसल काटते में लगे हुए हैं। इस बीच किसानों से गेहूं खरीदने की तैयारियां बिहार सरकार ने शुरू कर दी है। 22 अप्रैल से बिहार सरकार राज्य के किसानों से गेहूं खरीदेगी। राज्य सरकार के खाद्य उपभोक्ता संरक्षण विभाग ने तमाम तैयारियां पूरी कर ली हैं। एक ओर गेहूं खरीद केंद्रों की व्यवस्था को दुरुस्त किया गया है, तो दूसरी ओर खाद्य उपभोक्ता संरक्षण द्वारा खरीद प्रक्रिया को किसानों के लिए आसान और पारदर्शी बनाने के लिए पूरी व्यवस्था की गई है।
बिहार सरकार न्यूनतम समर्थन मूल्य पर 22 अप्रैल से किसानों से गेहूं खरीदेगी। राज्य सरकार का खाद्य उपभोक्ता संरक्षण विभाग ने इसके लिए पूरा खाका तैयार कर लिया है। न्यूनतम समर्थन मूल्य पर 22 अप्रैल से 30 मई तक सरकार को किसान गेहूं बेच सकेंगे। गेहूं खरीद की प्रक्रिया में किसी तरह का कोई गड़बड़झाला न हो इसके लिए खाद्य व उपभोक्ता संरक्षण विभाग पूरा अलर्ट है। किसानों को 48 घंटे के अंदर उनके बैंक अकाउंट में सरकार भुगतान कर देगी।
न्यूनतम समर्थन मूल्य पर गेहूं खरीद प्रक्रिया को लेकर खाद्य व उपभोक्ता संरक्षण विभाग ने ऑनलाइन जानकारी दी है। सहकारिता विभाग द्वारा सेलेक्ट प्राथमिक कृषि साख यानी पैक्स से पंचायत स्तर और व्यापार मंडलों द्वारा प्रखंड स्तर पर गेहूं की खरीद की जाएगी। विभाग ने साफ तौर पर कहा है कि न्यूनतम समर्थन मूल्य पर गेहूं खरीद के प्रावधानों के तहत जिस गेहूं में नमी की अधिकतम मात्रा 14 प्रतिशत होगी, वहीं गेहूं न्यूनतम समर्थन मूल्य पर किसानों से खरीदा जाएगा। इस साल किसानों को एक कुंटल गेहूं के लिए 2015 रुपए मिलेंगे।
बिहार के किसान ऑनलाइन मोड में गेहूं बेचने के लिए मंडी की जा सकते हैं। इस बाबत खाद्य उपभोक्ता संरक्षण विभाग द्वारा मिली जानकारी के मुताबिक कृषि विभाग की आधिकारिक वेबसाइट https://dbtagriculture.bihar.gov.in पर ऑनलाइन बुक किया जा सकता है। किसानों का अपना बैंक अकाउंट और जमीन नंबर अपलोड कर इसका कंफर्मेशन करना है। अपनी सुविधा के मुताबिक किसान अपना समय का चयन कर सकते हैं। विभाग की ओर से मिली जानकारी के मुताबिक किसी भी पैक्स में कोई भी किसान गेहूं बेच सकता है।