बिहार के बांका और किशनगंज जिले के आदिवासियों के जीवन शैली पर स्टोरी की गई थी, जो राष्ट्रीय स्तर पर भी पहचान बनाने में कामयाब हो गई है। बिहार कृषि विश्वविद्यालय द्वारा बनाई गई शॉर्ट मूवी फिल्म ‘उम्मीद’ को राष्ट्रीय फेस्टिवल अवार्ड के लिए चुना गया है। नॉनफिक्शन श्रेणी में इस शॉर्ट मूवी को चुने जाने के बाद 5वीं राष्ट्रीय फिल्म फेस्टिवल अवार्ड से नवाजा जाएगा।
मीडिया सेंटर के प्रभारी पदाधिकारी डॉ एस पाटिल ने जानकारी देते हुए बताया कि 25 नवंबर को हैदराबाद में आयोजित होने वाले फिल्म फेस्टिवल में बिहार विश्वविद्यालय को इस अवार्ड से नवाजा जाएगा। अखिल भारतीय स्तर पर अवॉर्ड को लेने के लिए दो अधिकारियों को निमंत्रण आया है, वे 23 नवंबर को हैदराबाद के लिए रवाना हो जाएंगे। राष्ट्रीय फिल्म फेस्टिवल अवॉर्ड देने की सूचना मिलते ही फिल्म निर्माण से जुड़े सभी कर्मियों ने खुशी जाहिर की है।
बता दें कि बिहार के बांका और किशनगंज जिले के आदिवासियों के जीवन शैली पर 21 मिनट की फिल्म स्टोरी की गई थी जिसमें यह दिखलाया गया था कि जहां एक तरफ दुनिया विकास के नए आयाम को छू रही है। वहीं आदिवासी समुदाय के लोग अभी भी जंगल और पहाड़ियों के बीच जिंदगी गुजार रहे हैं। आदिवासियों के रहन-सहन में क्रांति लाने के लिए विश्वविद्यालय प्रशासन ने एक योजना भी चलाई थी जो सफल होती दिख रही है। जंगल के भरोसे रहने वाले लोग अब बकरी, मुर्गी और मधुमक्खी पालन कर जिंदगी गुजर बसर कर रहे हैं।