नौकरी के साथ-साथ शौक पालना एक बड़ी चुनौती है लेकिन आईएएस अधिकारी का जिम्मा संभालते हुए अपने शौक को भी बरकरार रखने वाले आईएस अफसर व मशहूर भरतनाट्यम डांसर कविता रामू की कहानी। आईएस कविता जब पैरों में घुंघरू बांध कर थिरकती है तो लोग उनके नृत्य कला को देख दीवाने हो जाते हैं। अब तक आईएस कविता रामू को देश के साथ विदेश में भी 600 से ज्यादा स्टेज पर अपना परफॉर्मेंस दिया है और कई सारे अवार्ड से नवाजे जा चुके हैं।
कविता रामू तमिलनाडु कैडर की आईएएस अधिकारी है। कविता की छवि ईमानदार और कर्तव्यनिष्ठ अधिकारी के तौर पर ही है। प्रशासनिक महकमे में कई पदों पर काम करने वाली कविता वेल्लोर में रेवेन्यू डिविजनल अफसर रह चुकी हैं तो चेन्नई में असिस्टेंट कमिश्नर सिविल सप्लाई का पद संभाल चुकी है। तमिलनाडु स्टेट टूरिज्म डेवलपमेंट कारपोरेशन की जनरल मैनेजर का भी दायित्व संभाल चुकी है। कविता को अपने प्रशासनिक सेवा के काम करते हुए भरतनाट्यम के लिए समय निकालना बेहद मुश्किलों से भरा रहा। कविता बताती है कि सुबह 5 बजे उठकर दिन की शुरुआत योगा से करती है। सुबह 9 बजे ऑफिस के लिए निकलने के बाद रात को आठ बजे घर आती है फिर भारतनाट्यम के लिए समय निकालती है।
द बेटर इंडिया की रिपोर्ट के मुताबिक कविता रामू तमिलनाडु के मदुरई से आती है। चार साल की उम्र में ही भरतनाट्यम सीखने लगी। मदुरै के प्रसिद्ध ला कृष्णमूर्ति का सानिध्य मिला। महज 8 साल की उम्र में ही साल 1981 में चिदंबरम शहर में आयोजित पांचवें विश्व तमिल सम्मेलन में प्रदर्शन किया और बेहतरीन प्रदर्शन के दम पर कविता सुर्खियों में बन गई। कविता के पिता भी आईएएस अफसर रहे हैं। पिता से खासा प्रभावित है लिहाजा कविता भी आना चाहती थी।