यूपीएससी के नतीजे घोषित हो चुके हैं, टॉप किया है बिहार के शुभम ने। ऑल इंडिया में नंबर वन रैंक लाने वाले शुभम कल पैतृक गांव पहुंचे। बिहार के लाल शुभम के स्वागत में हजारों लोगों की मौजूदगी रही। शुभम के एक झलक पाने के लिए लोगों का भीड़ उमड़ा रहा। इस दौरान आयोजित समारोह में शुभम ने अपने एक्सपीरियंस शेयर करते हुए बच्चों को सफलता के गुर सिखाए।
पैतृक गांव कटिहार के कदवा प्रखंड पहुंचे शुभम का इलाके के लोगों ने ढोल-नगाड़ों के साथ शानदार स्वागत किया। युवाओं बच्चे हो या बूढ़े हर उम्र के लोग शुभम की एक झलक पाने के लिए बेताब दिखे। प्रशासनिक अधिकारियों की भी मौजूदगी दिखी। आयोजित समारोह में शुभम सफलता के टिप्स देते हुए कहा, आप अपने बच्चों को हर लैंग्वेज सिखाइये। हिंदी भी सिखाइये, इंग्लिश भी सिखाइये। ऐसा मैं इसलिए कह रहा हूं, जब मैं अपनी ट्रेनिंग एकेडमी में गया तो वहां पर सभी यूपीएससी रैंकर्स और टॉपर थे।
शुभम कहते हैं, मैंने मातृभाषा कभी नहीं सीखी। लोगों के लिए हिंदी दूसरी भाषा है, इसके अलावा उनके लिए कोई ऐसी मातृभाषा नहीं है, जिस पर वे गर्व करें। शुभम ने आगे कहा कि कहीं जाता था तो लोग कहते थे ये तो बिहारी है पर अब यकीन हो गया बिहारी क्या क्या कर सकते है। हाथ विश्वास होना बहुत जरूरी है, बच्चों को हर भाषाओं की जानकारी होनी चाहिए। शुभम कहते हैं, कोरोना जैसे विकट परिस्थिति में परिवार का काकी सपोर्ट रहा। यही कारण रहा कि मुझे सफलता हासिल हुई।
बिहार के कटिहार से आने वाले शुभम यूपीएससी के जारी परिणाम में टॉपर हुए हैं। पढ़ाई में शुरू से ही अव्वल छात्र रहे शुभम को अपने गांव को देखकर आईएएस बनने की प्रेरणा मिली। शुरुआती पढ़ाई गांव से करने के बाद 12वीं की पढ़ाई बोकारो से की। आईआईटी बॉम्बे से शुभम सिविल इंजीनियरिंग में बीटेक की पढ़ाई कर चुके हैं। पहले प्रयास में ही शुभम ने साल 2019 में 290 रैंक हासिल किया था। इस बार यूपीएससी के घोषित नतीजे में देशभर में पहला स्थान लाकर शुभम ने सफलता के झंडे गाड़ दिए हैं।