आज के युग में नेचुरल प्रोडक्ट की मांग दिन–प्रति दिन बढ़ती जा रही है। मेडिसिन का बाजार वृहद हो होने के कारण मेडिसिन प्लांट की खेती कम निवेश में शुरू की जा सकती है और इससे अच्छी खासी कमाई भी होगी। मेडिसिन प्लांट की खेती के लिए ना ज्यादा निवेश की जरूरत है, नहीं बड़े फार्म की जरूरत है। इसकी खेती बिन बोए ही कॉन्ट्रैक्ट पर लेकर की जा सकती है।
आज के युग में कंपनियां औषधियों की खेती कांटेक्ट पर आधार पर ही कर रही है। इसके लिए शुरुआत में 15 से 20 हजार रुपए निवेश करने की जरूरत है, जिसके बाद कमाई लाखों में हो सकेगी। मेडिसिन प्लांट खेती के तहत तुलसी, मुलेठी और एलोवेरा जैसे हर्बल प्लांट की खेती होती है। यह काफी कम समय में ही तैयार हो जाता है।
इसमें से कुछ ऐसे पौधे भी हैं, जिनको छोटे गमलों में भी उगाया जा सकता है। कई ऐसे भी मेडिसिन कंपनी है, जो फसल के तैयार होने तक उसे खरीदने तक का भी कांटेक्ट करती है। जिससे कोई जोखिम नहीं रहता है, और किसानों को कमाई पहले ही सुनिश्चित हो जाती है। पतंजलि, डाबर बैद्यनाथ जैसे आयुर्वेदिक कंपनियां कॉन्ट्रैक्ट फार्मिंग के तहत ही तुलसी की खेती करवा रही है।
सरकार भी मेडिसिन प्लांट की खेती के लिए किसानों को सब्सिडी मुहैया करा रही है। देश के पुणे, इंदौर, रायपुर और बेंगलुरु जैसे प्रमुख शहरों में भी इसकी खेती हो रही है। इसकी खेती के लिए भविष्य में किसी तरह की कोई जोखिम ना हो इसके लिए लखनऊ के सेंट्रल इंस्टीट्यूट आफ मेडिसिनल एंड एरोमैटिक प्लांट में मेडिसिन प्लांट की खेती के लिए प्रशिक्षण दी जाती है।