तमाम संघर्षों और अथक प्रयासों के बावजूद अभ्यर्थी यूपीएससी की परीक्षा क्रैक कर IAS बनते हैं। भारत में आईएएस अधिकारी बनने के लिए युवा अपने जीवन के कई वर्ष गुजार देते हैं। लेकिन एक रोचक कहानी नितिन भदौरिया की है, जिन्होंने अपने पत्नी के लिए डीएम के पद को त्याग दिया। फिर बाद में पति और पत्नी दोनों आईएएस अधिकारी।
उत्तर प्रदेश के गोरखपुर से आने वाली स्वाति श्रीवास्तव शुरुआती पढ़ाई के बाद आईआईटी लखनऊ से इंजीनियरिंग में बीटेक की पढ़ाई पूरी की। पढ़ाई पूरी होने के बाद भारतीय रिजर्व बैंक में नौकरी करने का अवसर भी मिला, लेकिन आईएएस बनने की चाहत में स्वाति ने इस नौकरी का ठुकरा सिविल सर्विस की तैयारियां शुरू कर दी।
पहले प्रयास में स्वाति को असफलता हाथ लगी। हालांकि दूसरे ही प्रयास में उन्होंने यूपीएससी परीक्षा 2017 में 74वीं रैंक प्राप्त की। स्वाति को छत्तीसगढ़ कैडर में आईएएस का पद आवंटित हुआ। आईएस बनने के बाद स्वाति श्रीवास्तव ने साल 2018 में आईएएस अधिकारी नितिन भदौरिया से शादी रचा ली, जिसके बाद दोनों दंपत्ति का पोस्टिंग उत्तराखंड में हो गया।
एक समय ऐसा भी आया जब पति नितिन भदौरिया ने पत्नी स्वाति श्रीवास्तव के लिए डीएम पद का कार्यभार छोड़ सीडीपीओ के रूप में अपनी तैनाती ले ली। पत्नी प्रेग्नेंट थी लिहाजा, ऐसे समय में अपना पूरा वक्त पत्नी के साथ ही बिताना चाहते थे। जिस कारण उन्होंने ऐसा किया।
बता दें कि आईएस स्वाति भदौरिया को उनकी सादगी और प्रतिभा के चलते कर्तव्यनिष्ठ प्रशासनिक अधिकारी के रूप में देखा जाता है। किस्मत ने ऐसी बाजी मारी की पत्नी स्वाति भदोरिया चमोली जिले की डिस्ट्रिक्ट मजिस्ट्रेट बन गई, वहीं पत्नी नितिन भदोरिया पड़ोसी जिले अल्मोड़ा के जिला पदाधिकारी का पदभार संभाला। दोनों दंपत्ति हर परिस्थिति में एक दूसरे के साथ खड़े नजर आते हैं।